पेटीएम का रेवेन्यू घटा: वित्त वर्ष 2021 में कंपनी का घाटा हुआ कम, रेवेन्यू में 14% की कमी
मुंबई10 मिनट पहले
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- कंपनी ने कहा है कि उसका घाटा इसी दौरान 1,701 करोड़ रुपए रहा है
- एक साल पहले यह 2,942 करोड़ रुपए था। यानी इसमें 42% की कमी आई है
22 हजार करोड़ रुपए का IPO लाने की तैयारी कर रही पेटीएम के रेवेन्यू में वित्त वर्ष 2021 में कमी आई है। जबकि इसका घाटा भी इसी दौरान कम हुआ है। इसका रेवेन्यू 14% घटा है।
सालाना रिपोर्ट में दी जानकारी
पेटीएम की वार्षिक रिपोर्ट के मुताबिक, वित्त वर्ष 2021 में इसका रेवेन्यू 2,802 करोड़ रुपए रहा है। पेटीएम की मालिक वन97 कम्युनिकेशन ने यह जानकारी सालाना रिपोर्ट में दी है। कंपनी ने कहा है कि उसका घाटा इसी दौरान 1,701 करोड़ रुपए रहा है। एक साल पहले यह 2,942 करोड़ रुपए था। यानी इसमें 42% की कमी आई है।
मसौदा जमा करने की तैयारी में है कंपनी
चीन की अलीबाबा और जापान की सॉफ्ट बैंक के निवेश वाली पेटीएम सेबी के पास मसौदा जमा करने की तैयारी में है। पिछले हफ्ते ही इसके बोर्ड ने इसके IPO को मंजूरी दी थी। भारत में यह सबसे ज्यादा मूल्यवान स्टार्टअप कंपनी है। इसका अभी का वैल्यूएशन 16 अरब डॉलर का है। कंपनी अपना घाटा कम करने के लिए लगातार डिस्काउंट, कैश बैक और प्रमोशन पर खर्च कम कर रही है। इस वजह से इसका घाटा कम हो रहा है।
प्रमोशनल खर्च में आई कमी
वित्त वर्ष 2021 में इसने प्रमोशनल खर्च में 61% की कमी की है जो 532 करोड़ रुपए रहा है। एक साल पहले यह 1,397 करोड़ रुपए था। इसका कुल खर्च भी वित्त वर्ष 2021 में 4,783 करोड़ रुपए था जो कि एक साल पहले 6,138 करोड़ रुपए था। इन आंकड़ों से पता चल रहा है कि कंपनी लगातार अपना घाटा कम करने की कोशिश कर रही है।
35 करोड़ ग्राहक हैं
पेटीएम के पास कुल 35 करोड़ ग्राहक रहे हैं। सालाना रिपोर्ट में इसने कहा है कि इसका टिकट, कांटेस्ट और फास्टैग से संबंधित खर्चों में कमी आई है। वित्त वर्ष 2021 में इसका इन सभी पर 172 करोड़ रुपए खर्च रहा है। एक साल पहले यह 248 करोड़ रुपए था। इसका लीगल फीस और प्रोफेशनल खर्च 198 करोड़ रुपए रहा है।
ब्रोकिंग और फंड सेगमेंट में भी है कंपनी
पर ब्रोकिंग और म्यूचुअल फंड दोनों ऐसे सेगमेंट हैं, जहां निवेशकों को लाने के लिए एक अच्छी फाइनेंशियल एडवाइजर की जरूरत होती है। भारत में निवेशक ऐसे नहीं हैं कि वे इस तरह से डायरेक्ट निवेश करने लगें। साथ ही पेटीएम इस समय जनरल बीमा कंपनियों को खरीदने की योजना बना रही है। जनरल बीमा मतलब गाड़ियों, स्वास्थ्य, घरों आदि का बीमा कराने से है। कंपनी का नॉन पेमेंट सेवाओं का बिजनेस 87% सालाना बढ़ा है। कंपनी 2022-23 में 7,500 करोड़ रुपए के रेवेन्यू का लक्ष्य रखी है। नॉन पेमेंट बिजनेस में क्रेडिट, वेल्थ और बीमा जैसे सेगमेंट हैं।
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