अयाज मेमन की कलम से: फाइनल में न्यूजीलैंड की दावेदारी मजबूत; कोहली और शास्त्री को इंग्लैंड दौरे पर टेस्ट में टीम की टॉप पोजीशन को बनाए रखने के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी
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मुंबईएक घंटा पहले
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अयाज मेमन
विराट कोहली और रवि शास्त्री को इंग्लैंड दौरे पर टेस्ट में टीम की टॉप पोजीशन को बनाए रखने के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी। क्योंकि इंग्लैंड में भारत का लंबे प्रारूप में प्रदर्शन औसत दर्जे का रहा है। पहले बात करते हैं वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल की। भारत टॉप पर रहा जबकि न्यूजीलैंड को ऑस्ट्रेलिया-द. अफ्रीका सीरीज के रद्द होने का फायदा मिला। अगर कोहली और शास्त्री ने कीवी टीम को कमतर आंका तो यह उनके लिए जोखिमभरा साबित होगा।
अगर भारत पिछले कुछ सालों में तीनों फॉर्मेट में कंसिस्टेंट रहा है तो न्यूजीलैंड अपने प्रदर्शन में सबसे ज्यादा सुधार करने वाली टीम रही है। रैंकिंग में भारत टेस्ट में नंबर-1, वनडे में नंबर-3 और टी20 में नंबर-2 है जबकि न्यूजीलैंड टेस्ट में नंबर-2, वनडे में नंबर-1 और टी20 में नंबर-3 पर है। दोनों में कुछ खास अंतर नहीं है।
न्यूजीलैंड के पास मनोवैज्ञानिक बढ़त
यह भी याद रखना चाहिए कि पिछली दो बार जब दोनों टीमें भिड़ी थीं, न्यूजीलैंड जीता था। अगर भारत की टेस्ट रैंकिंग बेहतर है तो न्यूजीलैंड के पास मनोवैज्ञानिक बढ़त है। इसके अलावा न्यूजीलैंड की टीम इंग्लैंड से दो टेस्ट खेलकर तैयारी मजबूत कर रही है जबकि भारतीय खिलाड़ी क्वारेंटाइन के बाद सिर्फ नेट प्रैक्टिस करेंगे। वैसे भी नेट प्रैक्टिस की तुलना में प्रतिस्पर्धी मैच खेलने से ज्यादा फायदा मिलता है।
भारतीय गेंदबाजों को विलियम्सन, टेलर, कॉनवे, निकोल्स और लाथम के लिए बनाने होंगे प्लान
भारतीय गेंदबाजों को सिर्फ विलियम्सन और टेलर नहीं बल्कि कॉनवे, निकोल्स और लाथम के बारे में भी सोचना होगा। न्यूजीलैंड के तेज गेंदबाजी आक्रमण को इंग्लैंड की परिस्थितियों में फायदा मिलेगा। कीवी टीम ज्यादा मजबूत दावेदार के रूप में हमारे सामने है। भारत के पास सभी विभागों में गहराई है और वह हॉट फेवरेट है। लेकिन अंडरडॉग के रूप में न्यूजीलैंड पर भारतीय टीम के जैसे दबाव नहीं होगा। कोहली जीत के लिए उत्सुक होंगे। इस जीत से न केवल भारत की लंबे फॉर्मेट में बादशाहत कायम रहेगी, बल्कि कोहली के खाते में पहला आईसीसी खिताब भी दर्ज हो जाएगा।
भारत ने आखिरी बार 2007 में इंग्लैंड में टेस्ट सीरीज जीती है
इसके बाद इंग्लैंड से 5 टेस्ट की सीरीज शुरू होगी, जो 6 हफ्ते तक चलेगी। इसमें लंबेे समय तक फॉर्म, फोकस और उत्साह बनाए रखना होगा। भारत ने घर में सीरीज 3-1 से जीती थी। लेकिन इंग्लैंड में मामला आसान नहीं रहने वाला। पिछली तीन सीरीज की स्कोर लाइन 0-4 (2011 में धोनी की कप्तानी में), 1-3 (2014 में धोनी की कप्तानी में) और 1-4 (2018 में कोहली की कप्तानी में) रही। संयोग से 2011 और 2018 में भारत नंबर-1 था।
भारत ने आखिरी बार 2007 में इंग्लैंड में टेस्ट सीरीज जीती थी, द्रविड़ की कप्तानी में।ऑस्ट्रेलिया में पिछले सीजन में टेस्ट सीरीज जीतने के बाद भारत से उम्मीदें काफी ज्यादा होंगी। सफलता के लिए आशावाद, आत्मविश्वास, बहादुरी जरूरी चीजें मानी गई हैं। लेकिन कोहली और शास्त्री को पता होना चाहिए कि इंग्लैंड में असाइनमेंट आसान नहीं होगा।
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