इंडियन रेसलिंग को एक और झटका: टोक्यो ओलिंपिक से 49 दिन पहले कोटा प्राप्त कर चुका रेसलर डोप टेस्ट में फेल; 2016 ओलिंपिक से पहले नरसिंह भी हुए थे इसका शिकार

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नई दिल्लीकुछ ही क्षण पहले

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रेसलिंग में 8 खिलाड़ियों का अब तक का सबसे बड़ा भारतीय दल ओलिंपिक में जा रहा है। - Dainik Bhaskar

रेसलिंग में 8 खिलाड़ियों का अब तक का सबसे बड़ा भारतीय दल ओलिंपिक में जा रहा है।

टोक्यो ओलिंपिक में अब बस 49 दिन बचे हैं। इससे पहले इंडियन रेसलिंग को एक और झटका लगा है। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक कोटा प्राप्त कर चुका एक पहलवान डोप टेस्ट में फेल हो गया। उन पर कोई प्रतिबंधित पदार्थ लेने का आरोप है। यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग ने एंटी डोपिंग के नियम का उल्लंघन करने के लिए फिलहाल इस रेसलर को सस्पेंड कर दिया है। रिपोर्ट में हालांकि, इस रेसलर की पहचान नहीं बताई गई है। ऐसा इसलिए क्योंकि उनका B सैंपल टेस्ट अभी बाकी है।

रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया ने कहा कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। जबकि, नेशनल एंटी डेपिंग एजेंसी (NADA) ने इस पर कोई बात करने से इनकार कर दिया। डोप टेस्ट में फेल हुए रेसलर की ओलिंपिक में भागीदारी अब अनिश्चित है। इसके साथ ही भारत पर एक कोटा गंवाने का भी खतरा मंडरा रहा है। इससे पहले 2016 रियो ओलिंपिक से 10 दिन पहले कोटा हासिल कर चुके पहलवान नरसिंह यादव भी डोप टेस्ट में फेल हुए थे। इसके बाद वे ओलिंपिक में भाग नहीं ले सके थे।

बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट से इस बार देश को ओलिंपिक में मेडल की काफी उम्मीद है।

बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट से इस बार देश को ओलिंपिक में मेडल की काफी उम्मीद है।

रेसलिंग में 8 खिलाड़ियों ने ओलिंपिक कोटा हासिल किया
रेसलिंग में 8 खिलाड़ियों का अब तक का सबसे बड़ा भारतीय दल ओलिंपिक में जा रहा है। इससे पहले 2016 में रियो में 7 रेसलर गए थे। 8 में से 4 पुरुष और 4 महिला पहलवान हैं। इस बार रवि कुमार दहिया, बजरंग पूनिया, दीपक पूनिया, सुमित मलिक, सीमा बिस्ला, विनेश फोगाट, अंशु मलिक और सोनम मलिक टोक्यो जा रहे हैं। इनमें बजरंग पूनिया, विनेश फोगाट और दीपक पूनिया वर्ल्ड रैंकिंग में टॉप थ्री में शामिल हैं। इन तीनों से पदक की उम्मीद की जा रही है।

2019-20 में रेसलिंग में डोप टेस्ट फेल होने के 12 मामले सामने आए
रेसलिंग ओलिंपिक में भारत के सबसे खेलों में से एक रहा है। भारत ने 2008, 2012 और 2016 लगातार 3 ओलिंपिक में मेडल अपने नाम किया था। 2008 और 2012 में पहलवान सुशील कुमार और 2016 में योगेश्वर दत्त ने भारत के लिए मेडल जीता था। हालांकि, इस खेल में डोपिंग में फेल होने के भी सबसे ज्यादा मामले सामने आए हैं। NADA के 2019-2020 के रिकॉर्ड के मुताबिक, रेसलिंग एंटी डोपिंग के नियम का उल्लंघन करने वाला तीसरा सबसे बड़ा स्पोर्ट है। इससे आगे सिर्फ एथलेटिक्स और वेटलिफ्टिंग ही है। 2019-20 में 12 ऐसे डोप टेस्ट फेल करने वाले 12 मामले सामने आए।

सुशील और नरसिंह की ये तस्वीर लंदन ओलिंपिक से पहले की है।

सुशील और नरसिंह की ये तस्वीर लंदन ओलिंपिक से पहले की है।

लगातार दूसरे ओलिंपिक से पहले भारतीय पहलवान फेल
यह लगातार दूसरी बार है, जब ओलिंपिक से पहले कोई भारतीय रेसलर डोप टेस्ट में फेल हुआ हो। इससे पहले 2016 में रियो ओलिंपिक से पहले पहलवान नरसिंह यादव का मामला सामने आया था। 2016 में 74 किलो वेट में नरसिंह और 2 बार के ओलिंपिक मेडलिस्ट सुशील कुमार दावेदार थे। सुशील ओलिंपिक क्वालिफायर्स के ट्रायल में हिस्सा नहीं ले पाए। इसके बाद नरसिंह को ओलिंपिक क्वालिफायर्स इवेंट के लिए भेजा गया। नरसिंह ने अपनी प्रतिभा से कोटा हासिल भी कर लिया।

जो खिलाड़ी कोटा हासिल करता है, वही ओलिंपिक जाता है
​​​​​​​रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (WFI) के नियमों के मुताबिक जो खिलाड़ी जिस वेट में कैटेगरी में कोटा हासिल करता है, वही ओलिंपिक में देश का प्रतिनिधित्व करता है। सुशील चाहते थे कि वे दो बार के ओलिंपिक मेडलिस्ट हैं, इसलिए उन्हें जाने का मौका दिया जाना चाहिए। वे फिर से ट्रायल कराने को लेकर कोर्ट भी गए, जहां उनकी याचिका खारिज कर दी गई। इसके बाद नरसिंह ने सोनीपत में स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (SAI) में ट्रेनिंग शुरू कर दी।

सुशील कुमार VS नरसिंह यादव।

सुशील कुमार VS नरसिंह यादव।

नरसिंह ने सुशील पर लगाए थे गंभीर आरोप
​​​​​​​ओलिंपिक से 10 दिन पहले नरसिंह की नेशनल एंटी डोपिंग एजेंसी (NADA) की ओर से डोपिंग के लिए भेजा गया सैंपल पॉजिटिव आया। हालांकि, NADA ने उन्हें क्लीन चिट दे दी, लेकिन वर्ल्ड एंटी डोपिंग एजेंसी (WADA ) ने न सिर्फ ओलिंपिक में उन्हें भाग लेने से रोक दिया, बल्कि 4 साल के लिए बैन भी कर दिया। इस मामले में नरसिंह भी खुलकर सामने आए और उन्होंने सुशील पर गंभीर आरोप लगाए थे।

उन्होंने कहा था कि सुशील के इशारे पर उन्हें डोपिंग में फंसाया गया। उनका आरोप था कि सोनीपत में ट्रेनिंग के दौरान सुशील के इशारे पर ही उनके खाने में कुछ मिलाया गया। इस मामले में प्रधानमंत्री के पहल पर मामले के लिए जांच कमेटी भी गठित की गई थी। वहीं, इंडियन ओलिंपिक एसोसिएशन (IOA) ने नरसिंह की जगह किसी अन्य खिलाड़ी को कोटा देने से इनकार कर दिया था और भारत ने अपना एक कोटा गंवा दिया था।

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