कप्तान कोहली की दुखदाई विदाई, 20 तस्वीरें: कोहली ने सबसे ज्यादा रन बनाए, अंपायर से लड़कर फैसला बदलवाया, लेकिन ‘चोकर्स’ का ठप्पा नहीं हटा तो रोने लगे
24 मिनट पहले
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IPL के एलिमनेटर मैच में बेंगलुरु रॉयल चैलेंजर्स (RCB) ने पूरी जान झोंकी कि उसके कप्तान की विदाई हार के साथ न हो, लेकिन ऐसा हो न सका। RCB फिर ‘चोकर्स’ साबित हुई। क्रिकेट की दुनिया में चोकर्स उसे कहते हैं जो पूरी सीरीज में शानदार ढंग से खेले लेकिन फाइनल या बड़े मैच हार जाए।
टीम कोहली के साथ ये चोकर्स वाला ठप्पा अभी नहीं लगा। बीते 8 साल की कप्तानी में कोहली के लीडरशिप में RCB के साथ ये चौथी बार था जब उनकी टीम IPL के शुरुआती 14 में तो जदर्बस्त खेली, लेकिन आखिर के 2-3 मैच में टीम ने दम तोड़ दिया।
इस बार टीम कोहली ने पूरी ताकत लगाई,किन किस्मत बदल न पाई। जब मैच हाथ से निकल गया तो पहली बार कोहली रोते भी दिखे। आइए मैच की पूरी कहानी तस्वीरों के साथ देखते चलते हैं। आखिरी तस्वीरें कोहली के रोने की हैं।
विराट कोहली को किसी सूरत में मैच हारना पसंद नहीं है। वो भी बतौर कप्तान आखिरी मैच तो उन्हें कहीं से हार बर्दाश्त नहीं थी। एलिमनेटर मैच में उन्हें लगा वो अंपायर के गलत फैसले के चलते हार जाएंगे तो अंपायर से ही भिड़ गए।
हालांकि इस लड़ाई में जीते कोहली ही, लेकिन जीत के बाद उनकी पूरी टीम ने अंपायर वीरेंद्र शर्मा को जिस तरह मुंह चिढ़ाकर गई, उसको कमेंट्री कर रहे गौतम गंभीर ने पूरी तरह से गलत ठहराया।
असल में हुआ ये कि अंपायर वीरेंद्र शर्मा बेंगलुरु की इनिंग के दौरान में बेंगलुरु के दो बल्लेबाजों को गलत आउट दे चुके थे। बाद में बल्लेबाजों ने रिव्यू लेकर अपने विकेट बचाए।
बैटिंग के वक्त कोहली मैदान में नहीं थे, लेकिन जब बॉलिंग के वक्त कोहली मैदान में थे और अंपायर वीरेंद्र ने एक बार फिर बेंगलुरु के लिए गलत फैसला दिया तो कोहली बिफर पड़े। इस बार मामला कोलकाता के बल्लेबाज के आउट होते हुए भी आउट न देना था। जब अंपायर ने आउट नहीं दिया तो कोहली ने पहले रिव्यू लिया और रिव्यू लेने के बाद अंपायर के पास आए और एकदम नाराज होते हुए अपनी बात रखी। बातचीत इतनी बढ़ी कि अंपायर ओवर खत्म होने के बाद एक बार कोहली के पास आए और उन्होंने अपनी बात रखी।
हालांकि इन सब के बावजूद कोहली की तकदीर नहीं बदली। उन्होंने अंपायर से तो फैसला बदलवा लिया लेकिन अपनी किस्मत नहीं बदल पाए। इस मैच में दो ताकतें काम कर रही थीं। एक जो हर हाल में कोहली को मैच में जिताने के लिए जान झोंके हुए थीं, दूसरी जो लगातार कोहली की विदाई को दुखदाई बनाने में लगे थे।
इस ताकत का नाम है- सुनील नरेन। कोलकाता नाइट राइडर्स के इस खिलाड़ी ने कोहली की कप्तानी में खेले गए आखिरी मैच को उनके लिए एक दुखद याद बना दिया। सुनील नरेन ने पहले बॉलिंग की। तब उनका रिकॉर्ड देखिए- 4 ओवर, 21 रन और 4 विकेट। विकेट भी किसके- विराट कोहली, केएस भरत, ग्लेन मैक्सवेल और एबी डिविलियर्स के। यों मानिए कि पूरी टीम अकेले यही आउट कर गए थे।
सुनील नरेन जब बैटिंग करने आए तो डैन क्रिश्चिन की 3 गेंदों पर 3 लगातार छक्के जड़ दिए। सिर्फ 15 गेंद में 26 रन की पारी खेली। वो कोलकाता की पारी का 12वां ओवर था। वहीं से पूरा मैच पलट गया। वरना कोहली की टीम ने छोटे स्कोर पर भी मैच पर ग्रिप बना ली थी।
कप्तान कोहली की विदाई को दुखदाई बनाने में कुछ उनके अपने भी लगे थे। उनमें सबसे ऊपर नाम RCB के बॉलर डैन क्रिश्चियन का है। उन्होंने मैच में सिर्फ 10 गेंदें फेकीं और इतने में ही 29 रन लुटा दिए।
फिर एक वो वक्त था जब RCB मैच पर अपनी ग्रिप मजबूत कर रही थी। कोलकाता की पारी का 10वां ओवर था। घातक रूप से खेल रहे ओपनर वैंकटेश अय्यर का कैच उठा और शाहबाज अहमद ने वह आसान सा कैच टपका दिया।
‘बटर फिंगर्स’ अकेले शाहबाज की नहीं, देवदत्त पडिक्कल की भी रहीं। 17वें ओवर की पहली गेंद थी। बेंगलुरु के मुंह से मैच छीनते सुनील नरेन का एक आसान सा कैच उठा। कोहली को लगा कि ये कैच तो पडिक्कल लपक ही लेंगे। लेकिन पडिक्कल ऐसा न कर सके।
कोहली की विदाई को दुखदाई बनाने वालों में उनकी टीम के एक बैट्समैन का भी नाम है। वो हैं केएस भरत। वो वन डाउन खेलने आए थे। उस वक्त बेंगलुरु एकदम लय में बैटिंग कर रही थी। सिर्फ 5 ओवर में 49 रन बन चुके थे, लेकिन भरत आए और उन्होंने 16 गेंद में 9 रन की एक बेहद धीमी पारी खेली। नतीजा यह कि एक एंड पर कोहली खड़े रह गए और छठें, सातवें, आठवें और नौवें कुल चार ओवर में 1 भी बाउंड्री नहीं लगी। 10वें ओवर की चौथी गेंद पर भरत बाउंड्री लगाने के चक्कर में बाउंड्री लाइन पर ही कैच आउट हो गए।
इस कतार में आखिरी नाम RCB के बॉलर जॉर्ज गार्टन का भी है। उन्होंने एक लो-स्कोरिंग मैच में 3 ओवर में 29 रन खर्च कर दिए और एक भी विकेट नहीं ले पाए।
अपनी विदाई को किसी तरह दुखदाई होने से बचाने में लगे विराट कोहली ने अपनी टीम की ओर से सबसे ज्यादा रन की पारी खेली। उन्होंने 33 गेंद में 35 रन की कप्तानी पारी खेली। वो सुनील नरेन की एक शानदार गेंद पर बोल्ड हुए।
इसके अलावा अपने कप्तान को IPL से खाली हाथ जाने से बचाने के लिए RCB के लेग स्पिनर युजवेंद्र चहल ने अपनी पूरी ताकत लगा दी। उन्होंने 4 ओवर में 16 रन देकर 2 विकेट भी चटकाए।
इस IPL में कोहली के लिए तुरुप के इक्का साबित हुए तेज गेंदबाज हर्षल पटेल अपने कप्तान को और बेहतर विदाई देने के लिए आखिरी लम्हे तक ताकत लगाते रहे। फेज -1 के एक मैच के दौरान हर्षल के एक ओवर में रवींद्र जडेजा ने 37 रन ठोक दिए थे। तब सबने कहा था अब इनका करियर खत्म, लेकिन कोहली ने उन पर भरोसा किया और इस युवा बॉलर ने क्या वापसी की। उन्होंने किसी एक IPL में सबसे ज्यादा विकेट लेने के रिकॉर्ड 32 विकेट को छू लिया। इस बार के पर्पल कैप के विजेता भी हर्षल बनेंगे। इस मैच में भी उन्होंने 4 ओवर में सिर्फ 19 रन देकर 2 विकेट चटकाए।
कोहली के लिए ताकत लगा रहे खिलाड़ियों में विराट के विश्वनीय गेंदबाज मोहम्मद सिराज भी शामिल थे। उन्होंने भी इस मैच में 4 ओवर की बॉलिंग में सिर्फ 19 रन दिए और 2 विकेट झटके। इन तीनों गेंदबाजों ने मिलकर मैच को किसी तरह कोहली की झोली में लाने की तैयारी कर ली थी, लेकिन वो कहते हैं न कि किस्मत भी कोई चीज होती है। अगली तस्वीर उस बात को और ज्यादा पुख्ता करती नजर आएगी।
ये दो ऐसे खिलाड़ियों की तस्वीर है जो संयोग से IPL की एक ही टीम में हैं। दोनों ही विश्व के महान क्रिकेटर्स में गिने जाते हैं। पहले भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली और दूसरे साउथ अफ्रीका के एबी डिविलियर्स। इन दोनों अपनी क्रिकेट की क्षमताओं का लोहा पूरी दुनिया को मनवाया, लेकिन कप्तान रहते ये कभी कोई बड़ी सीरीज नहीं जीत पाए।
डिविलियर्स ने अपनी ओर से कोई कोई कमी नहीं छोड़ी थी। भले बैटिंग में वो नहीं चल रहे थे, लेकिन फील्डिंग में वो हर मैच में कोहली की टीम के लिए 10-5 रन बचाते थे। जबर्दस्त फील्डिंग के दम पर वो टीम में अपनी जगह बनाए हुए थे। कोहली कभी भी फंसते थे तो तुरंत डिविलियर्स के पास जाकर सलाह-मशविरा करते।
ये वो खिलाड़ी है, जो अपने पिता के देहांत के बाद ही अगले दिन मैदान में क्रिकेट खेल रहा था। तब भी उन्होंने एक बूंद आंसू का नहीं टपकाया था। जिस समय कोहली के पिता का देहांत हुआ उस समय वे कर्नाटक के खिलाफ खेल रहे थे। उन्होंने बताया था कि सुबह के ढाई बजे उनका देहांत हुआ। परिवार के सभी लोग टूट गए और रोने लगे, लेकिन मेरी आंखों से आंसू नहीं आ रहे थे। मैं समझ नहीं पा रहा था कि क्या हो गया और मैं सन्न था। अगले दिन मुझे मैच खेलना था।’ इस मैच में उन्होंने 90 रन बनाए थे। ये वाकया दिसंबर 2006 का है। तब से लेकर अब अक्टूबर 2021 में कोहली को रोते हुए देखा गया। अगली तस्वीर उसी पल की है।
इस तस्वीर के बारे में लिखने के लिए हमारे पास कुछ भी नहीं है। बस इतना कि कोहली को भावुक हो कर रोता देख सबसे ज्यादा आंसू डिविलियर्स के बहे।
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