केयर्न मामले पर केंद्र सरकार: कंपनी के सीनियर अधिकारी ने मामले के समाधान के लिए सरकार से संपर्क किया, सरकारी बैंकों का फॉरेन बैंकों से पैसा निकालने की खबर गलत
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मुंबईएक घंटा पहले
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केंद्र सरकार ने केयर्न एनर्जी से विवाद पर बड़ी बात कही है। सरकार ने कहा कि वो केयर्न एनर्जी के साथ विवाद के समाधान के लिए तैयार है। कंपनी के सीईओ और प्रतिनिधियों ने केंद्र से बातचीत के लिए संपर्क किया है।
सरकार ने यह भी कहा है कि मीडिया में एक खबर चल रही है कि सरकार ने सरकारी बैंकों को विदेश में अपने विदेशी मुद्रा खातों में रखा पैसा निकालने को कहा है। क्योंकि केयर्न मामले में चल रही कानूनी प्रक्रिया में यह रकम जब्त भी किया जा सकता है। यह पूरी तरह से गलत खबर है। सरकार ने इस बारे में प्रेस विज्ञप्ति जारी की है।
मामले के समाधान के लिए सरकार तैयार
सरकार ने कहा है कि इस मामले में कानूनी प्रक्रिया के तहत वह अपना पक्ष रख रही है। उसने मामले में इंटरनेशनल कोर्ट के फैसले को रद्द करने के लिए इस साल 22 मार्च को याचिका दाखिल की। सरकार ने यह भी कहा है कि केयर्न के सीनियर अफसरों ने मामले के सॉल्युशन के लिए केंद्र सरकार से संपर्क भी किया है। अब सरकार कानून के तहत इस मामले के समाधान के लिए पूरी तरह तैयार है।
केयर्न एनर्जी और केंद्र सरकार के बीच विवाद क्या है?
इंटरनेशनल कोर्ट ने दिसंबर में भारत सरकार और ब्रिटेन की कंपनी केयर्न एनर्जी के कानूनी विवाद पर फैसला केयर्न के पक्ष दिया था। जिसके तहत भारत सरकार को केयर्न एनर्जी को 1.2 अरब डॉलर की रकम चुकाने का आदेश दिया गया। जबकि भारत सरकार का कहना है कि किसी सरकार द्वारा लगाया गया टैक्स उसके सार्वभौमिक अधिकार क्षेत्र का विषय है, जिसे निजी मध्यस्थता अदालत में चुनौती नहीं दी जा सकती है।
केयर्न एनर्जी ने 1994 में ऑयल एंड गैस सेक्टर में निवेश किया था
कंपनी ने 1994 में भारत के तेल एवं गैस सेक्टर में निवेश किया था। करीब 10 साल बाद कंपनी ने राजस्थान में तेल का बड़ा भंडार खोजा था। कंपनी बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) में 2006 में लिस्ट हुई थी। 5 साल बाद सरकार ने पिछली तारीख से लगाए कर के आधार पर केयर्न से रीस्ट्रक्चरिंग के लिए 10,247 करोड़ रुपए का ब्याज के साथ टैक्स और जुर्माना चुकाने को कहा था। केयर्न ने सरकार के इस आदेश को अंतरराष्ट्रीय कोर्ट में चुनौती दी थी। इस मामले में फैसला केयर्न के पक्ष में आया था।
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