टीम इंडिया के कैप्टन बनना चाहते थे युवराज सिंह: भारतीय ऑलराउंडर ने कहा- उम्मीद थी कि 2007 टी-20 वर्ल्ड कप के लिए मुझे कप्तान बनाया जाएगा, पर धोनी को जिम्मेदारी मिली
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नई दिल्ली14 मिनट पहले
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2007 टी-20 वर्ल्ड जीतने के बाद जश्न मनाते दिनेश कार्तिक, युवराज सिंह और महेंद्र सिंह धोनी।
भारतीय क्रिकेट के बेस्ट ऑलराउंडर्स में शुमार युवराज सिंह ने बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने कहा है कि वे 2007 टी-20 वर्ल्ड कप में कप्तान बनने की उम्मीद कर रहे थे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। सिलेक्टर्स ने महेंद्र सिंह धोनी को कप्तान बना दिया। भारत ने साउथ अफ्रीका में हुए इस टूर्नामेंट में इतिहास रचा था और फाइनल में पाकिस्तान को हराकर वर्ल्ड कप ट्रॉफी अपने नाम की थी।
युवराज ने 22 यार्न्स पॉडकास्ट में कहा- 2007 में हम वनडे वर्ल्ड कप में बुरी तरह हारे थे। हार के बाद भारतीय क्रिकेट में काफी उथल-पुथल थी। इसके बाद हमें इंग्लैंड के 2 महीने के दौरे पर जाना था। बीच में साउथ अफ्रीका और आयरलैंड का भी एक महीने का टूर था। फिर टी-20 वर्ल्ड कप होना था। हम इस टूर्नामेंट से बस 4 महीने दूर थे।
युवराज ने कहा कि वर्ल्ड से पहले टीम के सीनियर्स ने ब्रेक लेने का सोचा और टी-20 वर्ल्ड कप सीरियसली नहीं लिया। मुझे लगा कि सभी सीनियर्स के आराम करने के बाद मैं टी-20 वर्ल्ड कप में भारत की कप्तानी करूंगा और इसकी उम्मीद कर रहा था और फिर यह घोषणा की गई कि धोनी टूर्नामेंट में कप्तान होंगे।
दरअसल, द्रविड़ ने 2007 में कप्तानी पद से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने टी-20 वर्ल्ड कप के लिए भी आराम देने की मांग की थी। इसके बाद सचिन तेंदुलकर से भी कप्तानी के लिए पूछा गया था, पर उन्होंने मना कर दिया था। तेंदुलकर ने ही धोनी को कप्तान बनाने का सुझाया था। इसके बाद ही BCCI ने धोनी को कप्तानी सौंपी थी। बाद में बोर्ड का यह फैसला मास्टर स्ट्रोक साबित हुआ।
युवराज ने बताया कि धोनी के कप्तान बनने के बाद भी उनकी दोस्ती में कोई कमी नहीं आई। उन्होंने कहा, जो भी कप्तान बनता है, खिलाड़ियों को उन्हें सपोर्ट करना ही होता है। चाहे वह द्रविड़ हो, सौरव गांगुली हो या कोई भी कप्तान हो। आप टीम मैन बनना चाहते हैं और मैंने भी ऐसा ही किया।
युवराज ने जहीर से जुड़ा एक मजेदार किस्सा भी बताया। उन्होंने कहा- गांगुली, द्रविड़ और सचिन ने टी-20 वर्ल्ड कप से रेस्ट लिया। इसके बाद जहीर खान ने भी BCCI को अपना फैसला बताया और आराम देने की अपील की। उन्होंने कहा था कि काफी वे काफी क्रिकेट खेल चुके हैं।
युवी ने कहा कि मुझे याद है टी-20 वर्ल्ड कप का पहला मैच वेस्टइंडीज और साउथ अफ्रीका के बीच हुआ था। क्रिस गेल ने 50-55 बॉल में शतक जड़ा था। रात में जहीर ने मुझे मैसेज किया और कहा कि अच्छा हुआ जो मैंने इस टूर्नामेंट के लिए आराम ले लिया। इसके बाद हम वर्ल्ड कप जीत गए। जिस दिन हमने फाइनल जीता था, उस रात फिर से जहीर ने मैसेज किया और कहा कि अरे नहीं! मुझे आराम नहीं लेना चाहिए था।
फाइनल में भारत ने पाकिस्तान को 5 रन से हराया था। ओपनर गौतम गंभीर के 54 बॉल पर 75 रन की बदौलत भारत ने पहले बैटिंग करते हुए 20 ओवर में 5 विकेट पर 157 रन बनाया था। इसके जवाब में पाकिस्तान टीम 19.3 ओवर में 152 रन पर ऑलआउट हो गई थी। मिस्बाह उल हक ने 38 बॉल पर 43 रन बनाए थे। इरफान पठान और आर.पी सिंह ने 3-3 विकेट लिए थे।
युवराज ने कहा कि टीम इंडिया ने इसके लिए कुछ प्रैक्टिस नहीं की थी। उन्होंने कहा – हम एक यंग टीम थे। हमारे पास कोई इंटरनेशनल कोच या बड़ा नाम नहीं था। लालचंद राजपूत हमारे कोच थे और वेंकटेश प्रसाद बॉलिंग कोच की भूमिका निभा रहे थे। एक युवा कप्तान और टीम के साथ हम साउथ अफ्रीका पहुंचे थे। हमने सोचा था टूर्नामेंट को इंजॉय करेंगे।
युवराज ने इसी टूर्नामेंट के ग्रुप राउंड में इंग्लैंड के खिलाफ 6 छक्के जड़े थे। उन्होंने स्टुअर्ट ब्रॉड की बॉल पर यह कारनामा किया था। इसके बाद टीम ने सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया को हराया था। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ युवी ने 30 बॉल पर 70 रन बनाए थे।
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