टैक्स की बात: इस महीने फाइल कर दें इनकम टैक्स रिटर्न, नहीं तो अगले महीने से देना होगा दोगुना TDS; यहां जानें क्या है नया नियम

  • Hindi News
  • Business
  • Income Tax ; ITR ; Income Tax Return ; File Income Tax Return This Month, Otherwise TDS Doubled From Next Month; Know What Is The New Rule Here

नई दिल्ली6 मिनट पहले

  • कॉपी लिंक

सरकार ने इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल नहीं करने वालों के लिए नियम सख्त किया है। इसके तहत अब ITR फाइल नहीं करने पर दोगुना TDS देना होगा। नए नियमों के मुताबिक, जिन लोगों ने ITR फाइल नहीं किया है, उन पर टैक्स कलेक्शन ऐट सोर्स (TCS) भी ज्यादा लगेगा। नए नियमों के मुताबिक 1 जुलाई 2021 से पीनल TDS और TCL दरें 10-20% होंगी जो कि आमतौर पर 5-10% होती हैं।

इस हिसाब से देना होगा TDS
नए TDS नियमों के मुताबिक इनकम टैक्स एक्ट 1961 के सेक्शन 206AB के तहत आयकर कानून के मौजूदा प्रावधानों के दोगुना या प्रचलित दर के दोगुने में या फिर 5% में से जो भी ज्यादा होगा उस हिसाब से टीडीएस लग सकता है। TCS के लिए भी मौजूदा प्रावधानों के मुताबिक प्रचलित दर या 5% में से जो भी ज्यादा होगा उसके हिसाब से यह देय होगा।

इन पर लागू नहीं होगा यह नियम
आयकर कानून का यह (सेक्शन 206AB) नियम सैलरी, कर्मचारियों के बकाये के भुगतान, क्रॉस वर्ड और लॉटरी में जीती गई रकम, हॉर्स रेस पर जीती गई रकम, सिक्योरिटाइजेशन ट्रस्ट में निवेश से हासिल आय और कैश विड्रॉल पर लागू नहीं होगा। सेक्शन 206AB के तहत भारत में स्थायी प्रतिष्ठान न रखने वाले नॉन रेजिडेंट टैक्सपेयर पर भी यह लागू नहीं होगा।

अगर दोनों सेक्शन 206AA (पैन न रहने की स्थिति में ज्यादा टीडीएस रेट) और 206AB लागू होता है तो टीडीएस रेट ऊपर बताई दरों से ज्यादा होगी। वहीं सेक्शन 206CC और 206CCA के तहत ज्यादा TCS लागू होगा।

अब 30 सितंबर तक भर सकेंगे ITR
वित्त वर्ष 2020-21 के इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई से बढ़ाकर 30 सितंबर कर दी गई है। कोरोना संक्रमण के चलते सरकार ने टैक्स फाइल करने से संबंधित तारीखों को बढ़ाने का फैसला लिया है।

क्या है TDS?
अगर किसी की कोई आय होती है तो उस आय से टैक्स काटकर अगर व्यक्ति को बाकी रकम दी जाए तो टैक्स के रूप में काटी गई रकम को टीडीएस कहते हैं। सरकार टीडीएस के जरिए टैक्स जुटाती है। यह अलग-अलग तरह के आय स्रोतों पर काटा जाता है जैसे सैलरी, किसी निवेश पर मिले ब्याज या कमीशन आदि पर। कोई भी संस्थान (जो टीडीएस के दायरे में आता है) जो भुगतान कर रहा है, वह एक निश्चित रकम टीडीएस के रूप में काटता है।

क्या है TCS?
TCS टैक्स कलेक्टेड ऐट सोर्स होता है। इसका मतलब स्रोत पर एकत्रित टैक्स (इनकम से इकट्ठा किया गया टैक्स) होता है। TCS का भुगतान सेलर, डीलर, वेंडर, दुकानदार की तरफ से किया जाता है। हालांकि, वह कोई भी सामान बेचते हुए खरीदार या ग्राहक से वो वसूलता है। वसूलने के बाद इसे जमा करने का काम सेलर या दुकानदार का ही होता है।

इनकम टैक्स एक्ट की धारा 206C में इसे कंट्रोल किया जाता है। कुछ खास तरह की वस्‍तुओं के विक्रेता ही इसे कलेक्‍ट करते हैं। इन वस्‍तुओं में टिंबर वुड, स्‍क्रैप, मिनरल, तेंदु पत्‍ते शामिल हैं। इस तरह का टैक्‍स तभी काटा जाता है जब पेमेंट एक सीमा से ज्‍यादा होता है।

खबरें और भी हैं…

Stay connected with us on social media platform for instant update click here to join our  Twitter, & Facebook

We are now on Telegram. Click here to join our channel (@TechiUpdate) and stay updated with the latest Technology headlines.

For all the latest Education News Click Here 

 For the latest news and updates, follow us on Google News

Read original article here

Denial of responsibility! TechiLive.in is an automatic aggregator around the global media. All the content are available free on Internet. We have just arranged it in one platform for educational purpose only. In each content, the hyperlink to the primary source is specified. All trademarks belong to their rightful owners, all materials to their authors. If you are the owner of the content and do not want us to publish your materials on our website, please contact us by email – [email protected]. The content will be deleted within 24 hours.