डिजिटल गोल्ड: रास नहीं आ रहा सोने में निवेश, जुलाई में गोल्ड ETF से निवेशकों ने निकाले 61 करोड़ रुपए

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नई दिल्ली12 घंटे पहले

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जुलाई में गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स (गोल्ड ETF) में निवेशकों ने 61 करोड़ रुपए से ज्यादा रुपए निकाले (आउटफ्लो) हैं। निवेशकों ने गोल्ड ETF पैसा निकालकर इक्विटी और डेट फंड्स में लगाया है। इससे पहले निवेशकों ने अप्रैल-जून तिमाही में 1,328 करोड़ रुपए का निवेश किया था।

फोलियो की संख्या बढ़ी
एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) के अनुसार इस कैटेगरी में भले ही जुलाई में निगेटिव फ्लो देखने को मिला लेकिन फोलियो की संख्या बढ़ी है। जुलाई में फोलियो की संख्या बढ़कर 19.13 लाख हो गई, जो पिछले महीने 18.32 लाख थी।

16,225 करोड़ रुपए हुआ AUM
AMFI के आंकड़ों के अनुसार जुलाई 2021 में गोल्ड ETF में 525 करोड़ रुपए का निवेश आया। निवेश घटने के बावजूद गोल्ड ETF के प्रबंधन के तहत परिसंपत्तियां (AUM) जुलाई अंत तक बढ़कर 16,750 करोड़ रुपए पर पहुंच गई है।

इक्विटी और डेट फंड आ रहे रास
एक्सपर्ट्स कहते हैं कि बीते कुछ महीनों से सोना 47-48 हजार पर ही चल रहा है। जिसमें ग्राहकों को ज्यादा फायदा नहीं दिख रहा है। वहीं बीते 1 साल में सोना 56 हजार से 47 हजार पर आने के कारण भी निवेशकों का इससे मोह भंग हुआ है। बीते कुछ समय में इक्विटी और डेट फंड ने अच्छा रिटर्न दिया है। इसके चलते निवेशकों ने गोल्ड ETF से अपना पैसा निकाला और बेहतर रिटर्न वाले इक्विटी और डेट फंड्स में निवेश किया है।

क्या अभी सोने में निवेश करना सही है?
केडिया कमोडिटी के डायरेक्टर अजय केडिया कहते हैं कि अभी सोने पर थोड़ा दबाव बना हुआ है। बढ़ती महंगाई और कोरोना के कारण कई देशों में अभी भी लॉकडाउन होने के कारण आने वाले समय में सोने को सपोर्ट मिलेगा। इससे आने वाले एक साल में सोना फिर 54 हजार तक जा सकता है। इसीलिए सोने में लॉन्ग टर्म के लिए निवेश करना सही साबित हो सकता है।

सोने में सीमित निवेश फायदेमंद
रूंगटा सिक्योरिटीज के सर्टिफाइड फाइनेंशियल प्लानर हर्षवर्धन रूंगटा कहते हैं भले ही आपको सोने में निवेश करना पसंद हो तब भी आपको इसमें सीमित निवेश ही करना चाहिए। एक्सपर्ट के अनुसार कुल पोर्टफोलियो का सिर्फ 10 से 15% ही सोने में निवेश करना चाहिए। किसी संकट के दौर में सोने में निवेश आपके पोर्टफोलियो को स्थिरता दे सकता है, लेकिन लंबी अवधि में यह आपके पोर्टफोलियो के रिटर्न को कम कर सकता है।

क्या है गोल्ड ETF?
यह एक ओपन एंडेड म्यूचुअल फंड होता है, जो सोने के गिरते-चढ़ते भावों पर आधारित होता है। ETF बहुत अधिक कॉस्ट इफेक्टिव होता है। एक गोल्ड ETF यूनिट का मतलब है कि 1 ग्राम सोना। वह भी पूरी तरह से प्योर। यह गोल्ड में इन्वेस्टमेंट के साथ स्टॉक में इन्वेस्टमेंट की फ्लेक्सिबिलिटी देता है। गोल्ड ETF की खरीद-बिक्री शेयर की ही तरह BSE और NSE पर की जा सकती है। हालांकि इसमें आपको सोना नहीं मिलता। आप जब इससे निकलना चाहें तब आपको उस समय के सोने के भाव के बराबर पैसा मिल जाएगा।

इसमें कैसे कर सकते हैं निवेश?
गोल्ड ETF खरीदने के लिए आपको अपने ब्रोकर के माध्यम से डीमैट अकाउंट खोलना होता है। इसमें NSE पर उपलब्ध गोल्ड ETF के यूनिट आप खरीद सकते हैं और उसके बराबर की राशि आपके डीमैट अकाउंट से जुड़े बैंक अकाउंट से कट जाएगी। आपके डीमैट अकाउंट में ऑर्डर लगाने के दो दिन बाद गोल्ड ETF आपके अकाउंट में डिपॉजिट हो जाते हैं। ट्रेडिंग खाते के जरिए ही गोल्ड ETF को बेचा जाता है।

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