द्रविड के नक्शेकदम पर शॉ: पृथ्वी बोले- राहुल सर अनुशासन से समझौता नहीं करते, उन्होंने कभी बल्लेबाजी की शैली में बदलाव करने के लिए नहीं कहा
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मुंबई10 मिनट पहले
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पृथ्वी शॉ का विजय हजारे ट्रॉफी
भारतीय टीम के ओपनर पृथ्वी शॉ ने नेशनल क्रिकेट अकेडमी के डायरेक्टर और इंडिया अंडर-19 के कोच रह चुके राहुल द्रविड़ की तारीफ की है। शॉ ने क्रिकेट वेबसाइट क्रिक बज को दिए इंटरव्यू में कहा है कि पूर्व भारतीय कप्तान राहुल द्रविड़ ने उन्हें अपना नेचुरल गेम खेलने की सलाह दी। कभी भी उन्होंने बल्लेबाजी शैली में बदलाव करने के लिए नहीं कहा।
शॉ ने कहा,’ हमने द्रविड़ सर के साथ दो साल पहले दौरा किया था। हमें पता था कि उनकी बैटिंग शैली अलग है, लेकिन उन्होंने कभी हम लोगों को अपने जैसा बैटिंग करने के लिए नहीं कहा। वे हमेशा नेचुरल गेम खेलने की लिए ही कहते थे। वह जानते थे कि अगर मैं अपना नेचुरल गेम खेलता हूं, तो मुझे पावर प्ले ओवर में आउट करना कठिन है।’
द्रविड़ को अनुशासन पसंद है
शॉ की कप्तानी में भारतीय टीम ने 2018 में अंडर-19 वर्ल्ड कप जीते थे। उस समय टीम के कप्तान राहुल द्रविड़ ही थे। शॉ ने कहा- जब द्रविड़ सर होते हैं, तो सभी को अनुशासन में रहना पड़ता है, उनसे डर भी लगता है । लेकिन मैदान के बाहर उनका व्यवहार एकदम अलग ही होता है। वह दोस्त की तरह होते हैं। वह आपके साथ डिनर में शामिल होते हैं। सभी खिलाड़ियों से बात करते हैं। उन जैसे खिलाड़ी के साथ डिनर करना युवा खिलाड़ियों के लिए ड्रीम पूरा होना जैसा होता है। उन्होंने 15-16 साल अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेले हैं। हर युवा खिलाड़ी उनके साथ डिनर करना पसंद करता है। उनके साथ बात करना मेरे लिए हमेशा अच्छा अनुभव रहा है।
मुझे यकीन है कि द्रविड़ सर भी अंडर-19 और रणजी खेलने के दौरान इस दौर से गुजरे होंगे। उन्हें पता है कि युवा खिलाड़ियों से उनकी क्षमता के अनुसार किस करना प्रदर्शन कराना है। हर खिलाड़ी से बात करते हैं और उसको प्रोत्साहित करते हैं।
शॉ भारतीय टीम से बाहर चल रहे हैं
पृथ्वी शॉ को वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल और इंग्लैंड के साथ पांच टेस्ट मैचों की सीरीज के लिए टीम में शामिल नहीं किया गया है। वे ऑस्ट्रेलिया दौरे के बाद से टीम से बाहर चल रहे हैं। ऑस्ट्रेलिया दौरे पर चार टेस्ट मैचों की सीरीज के पहले मैच में खराब प्रदर्शन के बाद शॉ को प्लेइंग इलेवन में मौका नहीं मिला। वहीं इंग्लैंड के साथ घरेलू सीरीज में भी टीम में शामिल नहीं किया गया था।
शॉ का विजय हजारे ट्रॉफी और आईपीएल में बेहतर प्रर्शन
शॉ का विजय हजारे ट्रॉफी के इस सीजन में शानदार प्रदर्शन रहा। उन्होंने चार शतक के साथ कुल 827 रन बनाए। फाइनल मुकाबले में भी उन्होंने ताबड़तोड़ बल्लेबाजी की और महज 39 गेंदों में 73 रन बनाए। वहीं आईपीएल के 14 वें सीजन में भी उनका प्रदर्शन काफी बेहतर रहा। शॉ ने IPLके इस सीजन के खेले 8 मैचों में 38.50 की औसत से 308 रन भी बनाए। जिसमें तीन हाफ शतक भी शामिल है।
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