बीमा लेने में लापरवाही: गाड़ी के रजिस्ट्रेशन में कोताही न बरतें, इंश्योरेंस क्लेम हो सकता है रिजेक्ट
मुंबई8 घंटे पहले
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अगर आप गाड़ी लेते हैं और उसके रजिस्ट्रेशन में कोताही बरतते हैं या गलत रजिस्ट्रेशन कराते हैं तो आपको इससे नुकसान हो सकता है। अगर गाड़ी चोरी हो गई या गाड़ी का किसी वजह से नुकसान हो गया तो बीमा कंपनी आपके बीमा के दावे को रिजेक्ट कर सकती है।
सुप्रीमकोर्ट ने दिया फैसला
सुप्रीमकोर्ट ने इस तरह का एक फैसला दिया है। दरअसल एक बोलेरो कार की पंजाब में चोरी हो गई। कार का मालिक राजस्थान के गंगानगर का रहने वाला था। चोरी गई कार का 6.17 लाख रुपए का बीमा था। लेकिन उसका रजिस्ट्रेशन टेंपरेरी था जो 19 जुलाई 2011 को खत्म हो गया था। शिकायतकर्ता एक प्राइवेट कांट्रैक्टर था और वह बिजनेस के सिलसिले में जोधपुर गया था।
गेस्टहाउस के बाहर से कार हुई चोरी
28 जुलाई 2011 को शिकायतकर्ता किसी गेस्ट हाउस में रुका था। उसकी गाड़ी गेस्ट हाउस के बाहर खड़ी थी। सुबह जब वो उठा तो देखा कि उसकी गाड़ी चोरी हो गई थी। शिकायतकर्ता ने जोधपुर में इसकी पहली रिपोर्ट (FIR) दर्ज कराई। 30 नवंबर 2011 को पुलिस ने फाइनल रिपोर्ट पेश की और कहा कि गाड़ी का पता नहीं चल रहा है।
बीमा कंपनी ने रिजेक्ट कर दिया दावा
कार के मालिक ने इस संबंध में बीमा कंपनी के पास दावा किया। पर बीमा कंपनी ने कहा कि जब कार का रजिस्ट्रेशन टेंपरेरी था और वह खत्म हो गया तो वह बीमा के दावे का पेमेंट नहीं कर सकती है। कार मालिक ने फिर जिला फोरम से संपर्क किया। फोरम ने बीमा कंपनी को कहा कि वह बीमा का जो भी क्लेम है, वह कार मालिक को दे। इसी मामले को लेकर बीमा कंपनी सुप्रीमकोर्ट गई।
किसी भी तरह का बीमा क्लेम नहीं हो सकता
सुप्रीमकोर्ट ने कहा कि अगर कोई गाड़ी बिना सही रजिस्ट्रेशन के चलाई जाती है तो उसमें किसी भी तरह का बीमा क्लेम नहीं हो सकता है। क्योंकि बिना रजिस्ट्रेशन के गाड़ी का उपयोग बीमा के नियमों और शर्तों का सीधा उल्लंघन करता है। सुप्रीमकोर्ट ने कहा कि अगर गाड़ी की चोरी की तारीख पर गाड़ी का सही रजिस्ट्रेशन होना चाहिए। रजिस्ट्रेशन समाप्त होने के बाद चोरी हुई गाड़ी का बीमा क्लेम नहीं किया जा सकता है।
कांट्रैक्ट की शर्तों को न तोड़ा जाए
सुप्रीमकोर्ट ने कहा कि किसी भी देनदारी को तब चुनौती दी जा सकती है जब बीमा कांट्रैक्ट की शर्तों को न तोड़ा जाए। कोर्ट ने एक पुराने फैसले को आधार मानते हुए इस मामले में ग्राहक के इंश्योरेंस क्लेम की मांग को खारिज कर दिया। हालांकि बीमा नियमों के मुताबिक, अगर किसी भी तरह से गाड़ी में नियमों और शर्तों का उल्लंघन होता है तो वह बीमा क्लेम देने से मना कर सकती है। चाहे भले ही यह उल्लंघन रजिस्ट्रेशन का हो, या फिर किसी और मामले में हो।
इसलिए आप जब भी गाड़ी लें या कोई भी बीमा कराएं तो उसके नियम और शर्तों के मुताबिक ही क्लेम करें। आप अगर इस तरह से क्लेम करते हैं तो यह आपके लिए घाटे का सौदा हो सकता है।
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