ब्याज में कटौती की योजना: छोटी बचत स्कीम की ब्याज दरों में हो सकती है कमी, जून में सरकार लेगी फैसला
Ads से है परेशान? बिना Ads खबरों के लिए इनस्टॉल करें दैनिक भास्कर ऐप
मुंबई4 घंटे पहले
- चुनावों की वजह से सरकार ने स्कीम्स पर घटी ब्याज दर को रात भर में ही वापस ले लिया था
- इन छोटी स्कीम की ब्याज दर पर 1 पर्सेंट से ज्यादा की कटौती हो सकती है
छोटी बचत यानी स्मॉल सेविंग स्कीम में निवेश करने वालों को झटका लग सकता है। खबर है कि अगले महीने सरकार इसकी ब्याज दरों में कटौती कर सकती है। फिलहाल इसमें ज्यादातर स्कीम पर 6.9% से ज्यादा ब्याज मिल रहा है।
बैंक और रिजर्व बैंक दोनों पक्ष में
ब्याज दरों में कटौती के पक्ष में बैंक और रिजर्व बैंक दोनों हैं। माना जा रहा है कि ब्याज दरों में कटौती से सरकार की उधारी की लागत कम हो जाएगी। अगस्त 2019 से अब तक रिजर्व बैंक ने 1.75% रेपो रेट में कटौती की है। जबकि तब से इन स्कीम्स पर 80-100 bps की कटौती की गई है। इसीलिए अभी भी इसमें कटौती की संभावना सरकार तलाश रही है।
5 राज्यों के विधानसभा चुनाव खत्म
गौरतलब है कि पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव से पहले सरकार ने 31 मार्च को इन छोटी स्कीम्स पर ब्याज दरों में कटौती कर दी थी। हालांकि अगली ही सुबह इस कटौती को वापस ले लिया गया था। इसे एक भूल बताया गया था। इसके पीछे दरअसल 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव था। देश में पश्चिम बंगाल से सबसे ज्यादा पैसा इन स्कीम्स में आता है। इसलिए सरकार ने चुनाव को देखते हुए इसे वापस लिया था।
अब कटौती को लागू किया जा सकता है
सरकार अब चुनाव बीतने के बाद इस कटौती को लागू कर सकती है। यह ठीक उसी तरह होगा, जिस तर्ज पर सरकार ने पेट्रोल और डीजल की कीमतों को चुनाव तक रोके रखा और उसके बाद लगातार उसकी कीमतें बड़ा रही है। इन स्कीम की ब्याज दरों में कटौती से छोटे निवेशकों को अच्छा खासा घाटा होगा।
सुकन्या समृद्धि योजना पर सबसे ज्यादा ब्याज
अभी छोटी स्कीम पर सबसे ज्यादा ब्याज सुकन्या समृद्धि स्कीम पर मिल रहा है जो 7.6% है। जबकि सीनियर सिटिजन सेविंग स्कीम पर 7.4%, पब्लिक प्रॉविडेंट फंड पर 7.1%, किसान विकास पत्र पर 6.9%, नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट पर 6.8% और मासिक इनकम अकाउंट पर 6.6% ब्याज मिल रहा है। छोटी स्कीम पर ब्याज दरों की हर तिमाही में समीक्षा होती है। इस चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही की समीक्षा जून में होगी।
1975 के करीब पहुंच जाएगी पीपीएफ की ब्याज दर
इस बार अगर पीपीएफ की ब्याज दरों में कटौती होती है तो यह 1975 की ब्याज दर के करीब पहुंच जाएगी। 1975 में पीपीएफ पर 4.8 से 5.8% मिलता था जो अभी 7.1% पर है। जब सरकार ने मार्च में कटौती किया था तो यह 6.4% पर चला गया था जिसे सरकार ने वापस ले लिया था। केंद्र सरकार ने पिछले साल 1 अप्रैल 2020 को ही छोटी बचत योजनाओं पर मिलने वाले ब्याज में कटौती की थी। तब इनकी ब्याज दरों में 1.40% तक की कटौती की गई थी।
मध्यम और गरीब लोगों के लिए चलाई जाती हैं स्कीम्स
दरअसल, अधिकांश छोटी बचत योजनाएं सीनियर सिटीजंस और गरीब मध्य वर्ग के लिए चलाई जाती हैं। नेशनल सेविंग इंस्टीट्यूट (NSI) पर उपलब्ध डाटा के मुताबिक, नेशनल स्मॉल सेविंग फंड (NSSF) में पश्चिम बंगाल का सबसे ज्यादा योगदान है। वित्त वर्ष 2017-18 में NSSF में पश्चिम बंगाल का योगदान 15.1% या करीब 90 हजार करोड़ रुपए था। यह स्कीम इसलिए लोकप्रिय हैं क्योंकि यह एक गारंटी रिटर्न देती हैं और साथ ही इनकी सुरक्षा भी ज्यादा रहती है। मध्यम और कम आय वाले लोगों का ज्यादातर निवेश इसी में होता है।
Stay connected with us on social media platform for instant update click here to join our Twitter, & Facebook
We are now on Telegram. Click here to join our channel (@TechiUpdate) and stay updated with the latest Technology headlines.
For all the latest Education News Click Here
For the latest news and updates, follow us on Google News.