भास्कर इंटरव्यू: स्ट्राइकर नवनीत कौर बोली- अब हमें हमारे नाम से जाना जाता है; नेहा ने कहा- परिवार की गरीबी से आगे बढ़ने की मिली प्रेरणा

  • Hindi News
  • Sports
  • Indian Women’s Hockey Interview Navneet Kaur Neha Goel Savita Punia Navjot Kaur

गाजियाबाद2 घंटे पहले

भारतीय महिला हॉकी टीम ने टोक्यो ओलिंपिक में चौथा स्थान हासिल किया। 41 साल में ये पहला ऐसा मौका रहा जब भारतीय महिला टीम ने सेमीफाइनल तक का सफर तय किया हो। दैनिक भास्कर समूह ने रविवार को गाजियाबाद में मौजूद CISF कैंपस में ओलिंपिक में शानदार प्रदर्शन करने वाली भारतीय टीम को सम्मानित किया और 26 लाख रुपए देकर प्रोत्साहित किया। समारोह के दौरान भास्कर संवाददाता ने टीम की हॉकी टीम की खिलाड़ियों से विशेष बातचीत की। आप भी पढ़िए…

टोक्यो ओलिंपिक के क्वार्टर फाइनल में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सविता ने 9 बचाव किए थे।

टोक्यो ओलिंपिक के क्वार्टर फाइनल में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सविता ने 9 बचाव किए थे।

गोलकीपर सविता पुनिया से सवाल/जवाब

सवाल: टोक्यो 2021 के शुरू होने से पहले और इसके बाद आपके जीवन में क्या कुछ बदला है?

जवाब: पहले भी हम काफी मेहनत से अपना काम करते थे और ऐसे में अब टोक्यो में हमारा जो रिजल्ट रहा और लोगों से जो प्यार मिला, उससे हमारी जिम्मेजदारी बहुत बढ़ जाती है। अब आगे हम आने वाले समय में होने वाले टूर्नामेंट और ओलिंपिक अच्छा प्रदर्शन करना होगा ताकि एक बार फिर से अपने देश को गर्व महसूस करा सके।

सवाल: पूरे ओलिंपिक खेलों के दौरान आपका सबसे बेहतरीन पल कौन सा रहा?

जवाब: आयरलैंड के खिलाफ खेला गया मैच हमारे लिए काफी अहम रहा, क्योंकि उस मैच में हमको किसी भी हाल में 3 पॉइंट चाहिए थे और वो मैच हमारे लिए ऑस्ट्रेलिया से भी काफी बढ़कर था।

सवाल: आपकी पसंदीदा फिल्म कौन सी है?

जवाब: चक दे इंडिया और मैरीकॉम

स्ट्राइकर नवनीत कौर से सवाल/जवाब

सवाल: टोक्यो 2021 के शुरू होने से पहले और इसके बाद आपके जीवन में क्या कुछ बदला है?

जवाब: टोक्यो 2020 से पहले हमारी हॉकी टीम को कोई जानता भी नहीं था, लेकिन ओलिंपिक के बाद हमको न सिर्फ एक पहचान मिली बल्कि अब लोग हमारी टीम के हर एक खिलाड़ी को नाम से जानते हैं।

सवाल: एक पुरूष खिलाड़ी की तुलना में महीला खिलाड़ी होना कितना चुनौतीपूर्ण होता है?

जवाब: शुरू से ऐसा ही होता है कि लड़कियों को लड़कों से कम आंका जाता है, लेकिन मेरे लिए एक अच्छी बात ये रही कि मेरे घर वालों से हमेशा मुझे लड़कों की तरह रखा। मेरे माता-पिता के सपोर्ट के चलते ही मैं आज यहां तक पहुंची हूं।

सवाल: आपकी पसंदीदा फिल्म कौन सी है?

जवाब: गोल्ड

मिडफील्डर नेहा गोयल से सवाल/जवाब

सवाल: टोक्यो 2021 के शुरू होने से पहले और इसके बाद आपके जीवन में क्या कुछ बदला है?

जवाब: मैं अपने परिवार को गरीबी से निकालना चाहती थी। मेरे पापा की मृत्यु के बाद मां ने बहुत संघर्ष किया, बहुत मेहनत की। उन्होंने घरों में और फैक्ट्ररी में काम कर पैसे जोड़े ताकि मैं आगे बढ़ सकूं। मैंने भी हॉकी इसलिए शुरू कि थी ताकि मुझे जूते और कपड़े मिल सके। मां एक महीने में केवल 2 हजार रूपए कमा पाती थी और उससे ही हमारा घर चलता था। इससे मुझे काफी प्रेरणा मिली। मगर मेरी कोच प्रीतम श्रीवास मैडम ने मेरी बहुत मदद की और मेरी फिस भी उन्होंने ही दी। मैडम ने ही मुझे ओलिपिंक के बारे में बताया था और उन्होंने ही मुझे ओलिंपिक खेलने के लिए प्रेरित भी किया। मैंने भी इसके लिए काफी मेहनत की और अब मुझे ऐसा लगता है कि मेरा एक सपना पूरा हुआ।

सवाल: एक पुरूष खिलाड़ी की तुलना में महीला खिलाड़ी होना कितना चुनौतीपूर्ण होता है?

जवाब: लड़के और लड़कियों में हमेशा से काफी तुलना देखने को मिलती है। मैं जब खेलती थी, तब मेरी मां को भी कई लोग कहते थे कि, बेटी को मत खिलाओं कोई उसको उठाके ले जाएगा, लेकिन आज मैं यहीं कहूंगी कि लड़कों और लड़कियों में कोई अंतर नहीं होता बल्कि अगर आप लड़कियों को ज्यादा मौका दिया जाए तो वो लड़कों से काफी ज्यादा बेहतर प्रदर्शन करके दिखा सकती है।

सवाल: आपकी पसंदीदा फिल्म कौन सी है?

जवाब: पिछले दो सालों में मैं कोई फिल्म नहीं देख पाई, लेकिन मुझे चक दे इंडिया बहुत पसंद है क्योंकि उस फिल्म को देखकर मुझे काफी जोश आता है।

मिडफील्डर नवजौत कौर से सवाल/जवाब

सवाल: टोक्यो 2021 के शुरू होने से पहले और इसके बाद आपके जीवन में क्या कुछ बदला है?

जवाब: पहले भी हम हॉकी खेलते थे और मैंने तो पिछला ओलिंपिक भी खेला है, लेकिन इस बार बहुत कुछ अलग और खास रहा। मुझे इस बात कि खुशी है कि अब लोग अपने बच्चों को भी स्पोर्ट्स में भेज रहे हैं। पहले हमारे रिश्तेदार हमारे खेलने पर नाराजगी जताते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं है। अब वह भी अपने बच्चों को खेलों के लिए प्रेरित करते हैं और यह वाकई में हमारे लिए अच्छी बात है।

सवाल: एक पुरूष खिलाड़ी की तुलना में महीला खिलाड़ी होना कितना चुनौतीपूर्ण होता है?

जवाब: महिलाओं के लिए स्पोर्ट्स खेलना काफी मुश्किल होता है। उनके ऊपर हमेशा से ये बात लागू होती है कि आपको देर रात तक घर बाहर नहीं रहना और सुबह में भी कोई परिवार का सदस्य आपको छोड़ना जाएगा। लड़कों के साथ ऐसी बातें देखने को नहीं मिलती। ऐसे में ये काफी चुनौतीपूर्ण होता है।

खबरें और भी हैं…

Stay connected with us on social media platform for instant update click here to join our  Twitter, & Facebook

We are now on Telegram. Click here to join our channel (@TechiUpdate) and stay updated with the latest Technology headlines.

For all the latest Sports News Click Here 

 For the latest news and updates, follow us on Google News

Read original article here

Denial of responsibility! TechiLive.in is an automatic aggregator around the global media. All the content are available free on Internet. We have just arranged it in one platform for educational purpose only. In each content, the hyperlink to the primary source is specified. All trademarks belong to their rightful owners, all materials to their authors. If you are the owner of the content and do not want us to publish your materials on our website, please contact us by email – [email protected]. The content will be deleted within 24 hours.