यूरोपियन सुपर लीग मामला: फीफा अध्यक्ष थे विवादित सुपर लीग के मास्टरमाइंड, 2019 से हो रही थी इस पर चर्चा; हर साल 7300 करोड़ रु. मिलने थे
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यूरोप34 मिनट पहले
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यूरोपियन सुपर लीग को फीफा का समर्थन था।लेकिन विरोध के कारण अप्रैल में 48 घंटे में बंद हो गई थी
फुटबॉल की ग्लोबल गवर्निंग बॉडी फीफा सार्वजनिक रूप से विवादित यूरोपियन सुपर लीग की आलोचना कर रही थी जबकि निजी तौर पर फीफा की इसके फाउंडर के साथ महीनों तक चर्चा हुई थी और वह इस नई बन रही लीग को समर्थन दे रहा था। करीब आधा दर्जन फुटबॉल एग्जिक्यूटिव और सुपर लीग में शामिल एक क्लब के मालिक के अनुसार, फीफा अध्यक्ष जियानी इन्फेंटिनो चुपके-चुपके इस लीग को सपोर्ट कर रहे थे। उन्हें और उनके कुछ करीबियों को महीनों से इसकी योजना पता थी।
हालांकि, सुपर लीग की योजना फेल रही और पिछले महीने ही यह प्रोजेक्ट ठंडे बस्ते में चला गया। इस लीग को शुरू करने में यूरोप के 12 बड़े क्लब शामिल थे। लेकिन फैंस के विरोध प्रदर्शन, टीम और राजनेताओं के दबाव में 48 घंटे से भी कम समय में यह लीग बंद हो गई। राजनेता लीग को बंद करने के लिए कानून बनाने तक की धमकी दे रहे थे। कई टीमों ने इसका हिस्सा बनने के लिए माफी तक मांगी। फुटबॉल की नींव हिला देने वाले इस प्रोजेक्ट को सपोर्ट करने के कारण फीफा और इन्फेंटिनो की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं।
यूरोपियन सुपर लीग का बिहाइंड-द-सीन : ए22 नाम का सलाहकार ग्रुप सुपर लीग की ओर से फीफा से बात कर रहा था
योजना इतनी गुप्त थी कि कॉन्ट्रैक्ट तक में उसे कोड नाम दिया गया था
लीग की योजना इतनी गुप्त रखी गई थी कि इसके फाउंडर को दिए गए काॅन्ट्रैक्ट में भी इसे कोड नाम दिया गया था। फीफा के साथ लीग पर चर्चा 2019 से शुरू हुई थी। सुपर लीग की ओर से ए22 नाम का ग्रुप था, जिसने फीफा के उप महासचिव मथाइस ग्राफस्ट्रोम सहित इन्फेंटिनो के कुछ और करीबियों से मीटिंग की थी। लीग ने फीफा को ऑफर दिया था कि अगर वे सपोर्ट करते हैं तो उसके ज्यादा से ज्यादा क्लब फीफा क्लब वर्ल्ड में हिस्सा लेंगे। उनकी कमाई में से फीफा को भी हिस्सेदारी मिलेगी। यह हर साल कम से कम 1 बिलियन डॉलर (करीब 7300 करोड़ रुपए ) रहेगी।
यूरोप के क्लब फुटबॉल पर अपना दबदबा बनाना चाहते थे इन्फेंटिनो
लीग के सलाहकार और फाइनेंसर अनस लाघरारी बचपन से रियल मैड्रिड के अध्यक्ष फ्लोरेंटिनो पेरेज को जानते हैं। पेरेज ही सुपर लीग के पहले महासचिव थे। इन्फेंटिनो के रूप में पेरेज और लाघरारी को एक ऐसा अध्यक्ष मिला, जो बिजनेस को बड़ा करने में रुचि रखता था। इन्फेंटिनो क्लब वर्ल्ड कप का विस्तार करना चाहते थे। वे क्लब फुटबॉल पर दबदबा बनाना चाहते थे। अमेरिकन इन्वेस्टमेंट बैंक जेपी मॉर्गन के प्रोजेक्ट को फाइनेंस करने की पुष्टि के बाद तो सुपर लीग पर किसी को संदेह नहीं बचा। उनका आत्मविश्वास तब कमजोर हुआ, जब इस साल जनवरी में लीग से जुड़ी खबरें लीक हुईं कि इसमें फीफा का इन्वॉल्वमेंट भी है।
यूएफा अध्यक्ष के दबाव के बाद इन्फेंटिनो ने लीग की बात खारिज की थी
यूएफा के अध्यक्ष एलेक्जेंडर केफेरिन ने इन्फेंटिनो से सीधे पूछ लिया कि क्या वे इस योजना का हिस्सा हैं। उन्होंने तुरंत खारिज कर दिया। 21 जनवरी को फीफा और 6 रीजनल कन्फेडरेशन ने बयान जारी कर कहा कि सुपर लीग फीफा और अन्य किसी कन्फेडरेशन से मान्यता प्राप्त नहीं है। इस बयान ने सुपर लीग के आयोजकों को झकझोर दिया क्योंकि तब तक उनकी फीफा से हुई बातचीत सकारात्मक रही थी। अब इन्फेंटिनो विश्वासघाती होने के आरोपों का सामना कर रहे हैं। स्पेनिश लीग के प्रमुख जेवियर टेबस ने कहा, ‘इस सब के मास्टरमाइंड अध्यक्ष जियानी इन्फेंटिनो ही हैं। मैंने पहले भी यही कहा था और अभी भी यही कह रहा हूं।’
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