रत्नों का सम्मान: नीरज ने टोक्यो में सोना जीता, तो लवलीना ने मुक्केबाजी में झंडे गाड़े; मिलिए ऐसे ही 12 खेल रत्नों से

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16 मिनट पहले

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मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार उन खिलाड़ियों को दिया जाता है जिन्होंने खेल के क्षेत्र में असाधारण प्रदर्शन किया है। विश्वनाथन आनंद को 1991 में पहली बार इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। इस पुरस्कार में एक पदक, एक प्रशस्ति पत्र और 25 लाख रूपये दिए जाते हैं। आज भारत के लिए गोल्ड मेडल जीतने वाले जेवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा सहित 11 खिलाड़ियों को 2021 के मेजर ध्यानचंद खेल रत्न अवॉर्ड दिया जाएगा। आइए इन खिलाड़ियों से आपका परिचय करवाते हैं।

नीरज चोपड़ा (जेवलिन थ्रो)

हरियाणा के नीरज चोपड़ा टोक्यो ओलिंपिक 2021 में एथलेटिक्स में देश के लिए ट्रैक एंड फील्ड इवेंट में ओलिंपिक मेडल जीतने वाले पहले एथलीट हैं। उन्होंने फाइनल में 87.58 मीटर जेवलिन थ्रो कर गोल्ड मेडल जीता था। नीरज अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 6 बड़े टूर्नामेंट में मेडल जीत चुके हैं। वे 2018 में जकार्ता एशियन गेम्स, गोल्ड कोस्ट कॉमनवेल्थ गेम्स, 2017 में एशियन चैंपियनशिप, 2016 में साउथ एशियन गेम्स, 2016 में जूनियर वर्ल्ड चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीत चुके हैं, जबकि उन्होंने 2016 में जूनियर एशियन चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल जीता था।

रवि दहिया (कुश्ती)

रवि दहिया हरियाणा के रहने वाले हैं। उन्होंने टोक्यो ओलिंपिक 2021 में भारत के लिए सिल्वर मेडल जीता था। रवि सुशील कुमार के बाद कुश्ती के फाइनल में पहुंचने वाले सिर्फ दूसरे भारतीय बने थे। फाइनल में रवि 57 किलोग्राम वेट कैटेगरी में 2 बार के वर्ल्ड चैंपियन जावुर युगुऐव से हार गए थे। इससे पहले रवि ने 2019 वर्ल्ड चैंपियनशिप में ब्रॉन्ज मेडल जीता था। वहीं, 2020 और 2021 एशियन चैंपियनशिप में उन्होंने गोल्ड मेडल अपने नाम किया था। 2018 अंडर-23 चैंपियनशिप में रवि के नाम सिल्वर मेडल आया था।

लवलिना बोरगोहेन (बॉक्सिंग)

टोक्यो ओलिंपिक में लवलिना ने शानदार प्रदर्शन किया था। वे बॉक्सिंग में मेडल जीतने वाली भारत की दूसरी महिला एथलीट हैं।

टोक्यो ओलिंपिक में लवलिना ने शानदार प्रदर्शन किया था। वे बॉक्सिंग में मेडल जीतने वाली भारत की दूसरी महिला एथलीट हैं।

लवलिना बोरगोहेन असम के गोलाघाट जिले की रहने वाली हैं। उन्होंने टोक्यो ओलिंपिक 2021 में 69 किग्रा वेट कैटेगरी में भारत के लिए ब्रॉन्ज मेडल जीता था। लवलिना बॉक्सिंग में भारत को मेडल दिलाने वाली ओवरऑल तीसरी और महिलाओं में दूसरी बॉक्सर हैं। लवलिना से पहले विजेंदर सिंह (2008) और मेरीकॉम (2012) में मेडल जीत चुके हैं। लवलिना 2018 और 2019 में हुए वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप में ब्रॉन्ज मेडल जीत चुकी हैं, वहीं दिल्ली में आयोजित पहले इंडियन ओपन इंटरनेशनल बॉक्सिंग टूर्नामेंट में सिल्वर और गुवाहाटी में आयोजित दूसरे इंडियन ओपन इंटरनेशनल बॉक्सिंग टूर्नामेंट में गोल्ड मेडल जीत चुकी हैं। इसके अलावा वे 2017 में एशियन बॉक्सिंग चैंपियनशिप में भी ब्रॉन्ज मेडल जीत चुकी हैं।

अवनि लेखरा (पैरा शूटिंग)

अवनि लेखरा राजस्थान की रहने वाली हैं। उन्होंने टोक्यो पैरालिंपिक में 10 मीटर एयर राइफल में भारत को गोल्ड दिलाया था। फाइनल में उन्होंने 249.6 पॉइंट हासिल कर उन्होंने यूक्रेन की इरिना शेटनिक के रिकॉर्ड की बराबरी भी की थी। अवनि देश की पहली महिला खिलाड़ी बनी थी जिन्होंने शूटिंग में ओलिंपिक या पैरालिंपिक में गोल्ड मेडल जीता हो। जयपुर की रहने वाली अवनि ने 9 साल पहले कार एक्सीडेंट में अपने दोनों पैर गंवा दिए थे। अवनि के पिता प्रवीण लेखरा रेवेन्यू अपील अधिकारी हैं और फिलहाल गंगानगर में पोस्टेड हैं।

प्रमोद भगत (पैरा बैडमिंटन)

प्रमोद बिहार के हाजीपुर के रहने वाले हैं। उन्होंने टोक्यो पैरालिंपिक 2021 में बैडमिंटन में भारत के लिए गोल्ड जीता था। प्रमोद को 2019 में अर्जुन अवॉर्ड और ओडिशा सरकार की ओर से बीजू पटनायक अवॉर्ड भी मिल चुका है। प्रमोद के लिए यह साल बेहतरीन रहा है। उन्होंने अप्रैल में दुबई पैरा बैडमिंटन टूर्नामेंट में दो गोल्ड मेडल जीते थे। उन्होंने सिंगल्स में स्वर्ण पदक जीतने के अलावा मनोज सरकार के साथ मिलकर एसएल4-एसएल3 वर्ग में मिक्स्ड डबल्स का स्वर्ण पदक भी जीता था। प्रमोद वर्ल्ड चैम्पियनशिप में चार गोल्ड समेत 45 इंटरनेशनल पदक जीत चुके हैं। BWF वर्ल्ड चैम्पियनशिप में पिछले आठ साल में उन्होंने दो गोल्ड और एक सिल्वर मेडल अपने नाम किए हैं। 2018 पैरा एशियाई खेलों में उन्होंने एक सिल्वर और एक ब्रॉन्ज मेडल जीता था।

सुमित अंतिल (जेवलिन थ्रो)

सुमित अंतिल हरियाणा के रहने वाले हैं। टोक्यो पैरालिंपिक 2021 में उन्होंने भारत के लिए गोल्ड मेडल अपने नाम किया था। सुमित ने जेवलिन थ्रो की F64 कैटेगरी में वर्ल्ड रिकॉर्ड के साथ सोना जीता था। उन्होंने फाइनल में 68.55 मीटर का बेस्ट थ्रो किया था। सुमित ने साल 2018 में एशियन चैंपियनशिप में भाग लिया, लेकिन पांचवीं रैंक ही प्राप्त कर सकें। इसके बाद 2019 में वर्ल्ड चैंपियनशिप उन्होंने सिल्वर मेडल जीता। सुमित यही नहीं रुके और इसी साल नेशनल गेम्स में गोल्ड मेडल जीतकर खुद को साबित किया। इसके बाद उन्होंने 2019 के पेरिस ओपन हैंडीक्राफ्ट में सिल्वर मेडल जीता। 2019 में ही दुबई में हुए वर्ल्ड पैरा-एथलेटिक्स चैंपियनशिप में भी सुमित सिल्वर जीतने में सफल रहे।

मनीष नरवाल (पैरा शूटिंग)

टोक्यो पैरालिंपिक में स्वर्ण पदक जीतने के बाद फरीदाबाद के पैराशूटर मनीष नरवाल।

टोक्यो पैरालिंपिक में स्वर्ण पदक जीतने के बाद फरीदाबाद के पैराशूटर मनीष नरवाल।

मनीष नरवाल हरियाणा के फरीदाबाद जिले के रहने वाले हैं। मनीष ने टोक्यो पैरालिंपिक में गोल्ड अपने नाम किया था। उन्होंने 218.2 का स्कोर कर पहला स्थान हासिल किया था। मनीष नरवाल फुटबॉलर बनना चाहते थे। दिव्यांगता के बावजूद उन्होंने पिता के सहयोग से शूटर बनने का अपना सपना पूरा किया और शूटिंग में ही करियर बनाया। फरीदाबाद में ही उन्होंने शूटिंग का अभ्यास शुरू कर दिया और फिर इस मुकाम पर पहुंचे।

कृष्णा नागर (बैडमिंटन)

पहले क्रिकेटर बनना चाहते थे कृष्णा उन्होंने लंबाई कम होने की वजह से क्रिकेट छोड़ दिया।पिता की सलाह पर उन्होंने रैकेट थामा।

पहले क्रिकेटर बनना चाहते थे कृष्णा उन्होंने लंबाई कम होने की वजह से क्रिकेट छोड़ दिया।पिता की सलाह पर उन्होंने रैकेट थामा।

कृष्णा नागर जयपुर के रहने वाले हैं। उन्होंने टोक्यो पैरालिंपिक में गोल्ड मेडल अपने नाम किया था। वो पहले क्रिकेटर बनना चाहते थे, लेकिन लंबाई कम होने के कारण उन्होंने क्रिकेट खेलना छोड़ दिया। इसके बाद उन्होंने वॉलीबॉल खेलना शुरू किया। इसमें वे काफी अच्छे डिफेंडर भी बन गए थे, लेकिन लंबाई की वजह से उन्होंने वॉलीबॉल भी खेलना छोड़ दिया था। कृष्णा के पिता ने उन्होंने बैडमिंटन खेलने की सलाह दी और कृष्णा को सवाई मानसिंह स्टेडियम लेकर गए। जहां साल 2017 से उन्होंने बैडमिंटन खेलना स्टार्ट किया। कृष्णा ने पिछले चार साल जमकर मेहनत की और भारत को गोल्ड दिलाया।

मनप्रीत सिंह (हॉकी)

मनप्रीत सिंह पंजाब के जालंधर के रहने वाले हैं। भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने 41 साल बाद टोक्यो ओलिंपिक 2021 में ब्रॉन्ज मेडल जीता था। इस टीम के कप्तान मनप्रीत सिंह ही थे। ओलिंपिक में भारतीय टीम को 2021 से पहले 1980 के मॉस्को में पदक मिला था, तब वासुदेवन भास्करन की कप्तानी में टीम ने गोल्ड जीता था। मनप्रीत टोक्यो ओलिंपिक की ओपनिंग सेरेमनी में भारत के ध्वजवाहक भी थे। दिग्गज महिला मुक्केबाज मेरीकॉम भी उनके साथ थीं। भारत ने ओलिंपिक में सबसे ज्यादा मेडल पुरुष हॉकी में जीते हैं। टीम ने 1928, 1932, 1936, 1948, 1952, 1956, 1964 और 1980 ओलिंपिक में गोल्ड मेडल जीता था। इसके अलावा 1960 में सिल्वर और 1968,1972 और 2021 में ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया है।

पीआर श्रीजेश

पीआर श्रीजेश ने 2011 में सीनियर टीम में अपनी जगह पक्की कर ली थी।

पीआर श्रीजेश ने 2011 में सीनियर टीम में अपनी जगह पक्की कर ली थी।

पीआर श्रीजेश केरल के एर्णाकुलम के रहने वाले हैं। वो भारतीय हॉकी टीम के गोलकीपर हैं। टोक्यो ओलिंपिक 2021 में वो ऐसी दीवार बने जिसे तोड़ना हर टीम के लिए नामुमकिन हो गया। 2004 में उन्हें जूनियर नेशनल टीम में जगह मिली। दो साल वो साउथ एशियन गेम्स में सीनियर टीम का हिस्सा बन गए। 2008 में इंडिया ने हॉकी का जूनियर विश्व कप जीता वे टूर्नामेंट के बेस्ट गोलकीपर थे। तीन साल बाद 2011 में उन्होंने सीनियर टीम से अपनी जगह पक्की कर ली। श्रीजेश इसके बाद टीम इंडिया के कप्तान भी बने। उन्होंने लगातार खुद को साबित किया और प्रदर्शन में निरंतरता बरकरार रखी जिसका नतीजा 2021 के ओलिंपिक में देखने को मिला।

सुनील छेत्री

सनील के माता पिता नेपाल से हैं।

सनील के माता पिता नेपाल से हैं।

सुनील छेत्री का जन्म तेलंगाना के सिकंदराबाद में हुआ था। वो इंडियन सुपर लीग में बेंगलुरु FC और भारतीय टीम दोनों के कप्तान हैं। छेत्री ने 2002 में मोहन बागान में अपने पेशेवर करियर की शुरुआत की थी। सुनील ने सैफ चैंपियनशिप के फाइनल में नेपाल के खिलाफ अपने नाम एक बड़ी उपलब्धि दर्ज की थी। छेत्री ने मैच के 49वें मिनट में गोल दागा था। इसके साथ ही वह अर्जेंटीना के दिग्गज फुटबॉलर लियोनल मेसी के 80 इंटरनेशनल गोल की बराबरी कर ली थी। भारत ने सुनील की ही कप्तानी में 8वीं बार सैफ चैंपियनशिप अपने नाम किया था।

मिताली राज

मिताली राज भारत की वनडे टीम की कप्तान हैं। उन्होंने क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट में 20,000 रन पूरे कर लिए हैं। इस मुकाम को हासिल करने वाली मिताली दुनिया की पहली महिला क्रिकेटर हैं। मिताली ने साल 1999 में भारत के लिए डेब्यू किया था। वो पिछले 22 सालों से लगातार भारत के लिए बेहतरीन प्रदर्शन करती आ रही हैं। मिताली को 2015 में पद्म श्री और 2003 में अर्जुन अवार्ड भी मिल चुका है।

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