रायपुर में तराशी गई बैडमिंटन की नई सनसनी: साइना को हराने वाली मालविका ने रोज 6-8 घंटे पसीना बहाया, डेडीकेटेड इतनी कि कई साल से मूवी नहीं देखी
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रायपुर29 मिनट पहले
भारतीय बैडमिंटन की सबसे बड़ी खिलाड़ी और ओलंपिक मेडलिस्ट साइना नेहवाल गुरुवार को इंडियन ओपन के एक मैच में सीधे सेटों में हारकर प्रतियोगिता से बाहर हो गईं। साइना को हराने वाले नागपुर की मालविका बंसोड़ के खेल को रायपुर में तराशा गया है। मालविका 2016 से रायपुर में रहकर कोच संजय मिश्रा से ट्रेनिंग ले रही हैं।
दैनिक भास्कर से बातचीत करते हुए भारतीय बैडमिंटन संघ के मुख्य कोच संजय मिश्रा ने बताया, मालविका के माता-पिता नागपुर में डेंटिस्ट हैं। वे जूनियर लेवल की कई प्रतियोगिताओं में उसके कोच थे। बेहतर प्रशिक्षण के लिए मालविका और उनकी मां डॉ. तृप्ति बंसोड़ 2016-17 में नागपुर छोड़कर रायपुर में ही शिफ्ट हो गए। यहां मालविका के नाना-नानी रहते हैं। तबसे लगातार पुलिस लाइन स्थित बैडमिंटन कोर्ट पर उनकी प्रैक्टिस जारी है। रोज 6 से 8 घंटे का कड़ा प्रशिक्षण लेकर मालविका ने खुद को इतना तैयार किया है, कि वह साइना को भी हरा सकी।
कोरोना लॉकडाउन और दूसरे प्रतिबंधों के बीच विशेष अनुमति लेकर मालविका की ट्रेनिंग कराई गई। संजय मिश्रा का कहना है, पूरे प्रैक्टिस सेशन के दौरान मालविका की मां उसके साथ ही रहती हैं। स्पर्धा के लिए कहीं बाहर जाने पर ही वे नागपुर लौटती हैं। उसके बाद फिर मां-बेटी की जुगलबंदी शुरू हो जाती है। मालविका के पिता डॉ. प्रबोध बंसोड़ नागपुर में ही प्रैक्टिस करते हैं। खेल के साथ-साथ मालविका चेन्नई की एसआरएम यूनिवर्सिटी से इंजीनियरिंग की पढ़ाई भी कर रही है। यूनिवर्सिटी उसे उसकी सुविधा और समय के मुताबिक पढ़ाई और परीक्षा की छूट देती है।
मालविका प्रैक्टिस को लेकर पूरी तरह फोकस्ड हैं। रायपुर के पुलिस लाइन स्थित बैडमिंटन कोर्ट में 6 से 8 घंटे की रोजाना प्रैक्टिस करती हैं।
फोकस्ड इतनी कि कई सालों में कोई फिल्म नहीं देखी
कोच संजय मिश्रा ने बताया मालविका उन कुछ गिने-चुने खिलाड़ियों में से है जो खेल को लेकर काफी समर्पित और फोकस्ड हैं। मालविका मोबाइल और सोशल मीडिया पर नहीं उलझती। कई सालों से उसने कोई फिल्म तक नहीं देखी। कहीं घूमने-फिरने भी नहीं गई। बिना अबसेंट किए हर दिन प्रैक्टिस उसकी आदत में शामिल है। बताया हुआ मूव जब तक सफलतापूर्वक नहीं कर लेती,वह प्रैक्टिस करना नहीं छोड़ती। वह बेहद सिंसियर हैं।
कोच संजय मिश्रा अब मालविका के पावर और स्पीड पर काम कर रहे हैं ताकि बड़ी प्रतियोगिताओं में कामयाबी का सिलसिला जारी रहे।
अंतरराष्ट्रीय स्पर्धाओं की तैयारी
भारतीय बैडमिंटन फेडरेशन के मुख्य कोच संजय मिश्रा ने बताया, अभी वे मालविका के खेल में पावर और स्पीड पर काम कर रहे हैं। यह अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं को जीतने में बहुत जरूरी है। उन्होंने उम्मीद जताई कि मालविका जल्दी ही बड़ी प्रतियोगिताओं में अपने खेल से उलटफेर करेंगी।
राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्पर्धाओं में लगातार बेहतर प्रदर्शन से मालविका की रैकिंग में भी उछाल आया है।
यहां प्रैक्टिस करते हुए जीती कई अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट
मालविका बंसोड़ ने रायपुर में ही प्रैक्टिस करते हुए कई अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में जीत दर्ज की। 2019 में मालदीव में खेले गए इंटरनेशनल फ्यूचर सीरीज बैडमिंटन टूर्नामेंट का खिताब अपने नाम किया। उसी साल नेपाल में आयोजित अन्नपूर्णा पोस्ट इंटरनेशनल सीरीज में जीत हासिल की। मार्च 2021 में मालविका ने कंपाला में आयोजित युगांडा इंटरनेशन बैडमिंटन टूर्नामेंट में जीत दर्ज की। अभी एक सप्ताह पहले उन्होंने ऑल इंडिया रैंकिंग जीती है। वह एशियन स्कूल बैडमिंटन चैंपियनशिप और साउथ एशियन अंडर-21 रीजनल बैडमिंटन चैंपियनशिप में भी गोल्ड मेडल जीत चुकी हैं।
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