संगठित क्षेत्र में मजबूती: कोविड की मार से बचा हुआ है टॉप लिस्टेड कंपनियों का प्रॉफिट, मुनाफे और GDP का अनुपात दे रहा मजबूती जारी रहने के संकेत

  • Hindi News
  • Business
  • Profit To GDP Ratio Of Listed Companies Increased, During Covid 19 Affected Unlisted Firms More

Ads से है परेशान? बिना Ads खबरों के लिए इनस्टॉल करें दैनिक भास्कर ऐप

2 दिन पहले

  • कॉपी लिंक
  • पिछले वित्त वर्ष लिस्टेड कंपनियों का प्रॉफिट देश की GDP के मुकाबले चार साल में सबसे ज्यादा, 2.6% पर पहुंच गया
  • वित्त वर्ष 2020 में कंपनियों के मुनाफे और जीडीपी का अनुपात दो दशक के सबसे निचले स्तर, 1.8% पर आ गया था

कोविड-19 के चलते भले ही देश में आर्थिक गतिविधियां घटी हों, लेकिन लिस्टेड कंपनियों का मुनाफा खासा बढ़ा है। आंकड़ों के मुताबिक, पिछले वित्त वर्ष में इनका प्रॉफिट जीडीपी के मुकाबले चार साल में सबसे ज्यादा, 2.6% पर पहुंच गया। मार्च तिमाही में देश की टॉप 200 कंपनियों का शुद्ध मुनाफा सालाना आधार पर दोगुने से ज्यादा हो गया। इसमें साइकलिकल तरीके का कारोबार करने वाली कंपनियों के शानदार वित्तीय प्रदर्शन का बड़ा हाथ रहा है।

FY 2020 में प्रॉफिट और GDP का अनुपात दो दशक के सबसे निचले स्तर पर आ गया था

गौरतलब है कि वित्त वर्ष 2020 में लिस्टेड कंपनियों के नेट प्रॉफिट और जीडीपी का अनुपात दो दशक के सबसे निचले स्तर, 1.8% पर आ गया था। ऐसे में वित्त वर्ष 2021 के दौरान इस अनुपात में हुई बढ़ोतरी बताती है कि कोविड की मार सबसे ज्यादा अनलिस्टेड या अनऑर्गनाइज्ड सेक्टर की कंपनियों के कारोबार पर पड़ी है।

कोविड से सबसे ज्यादा चोट अनऑर्गनाइज्ड सेक्टर पर पड़ी है

ICICI सिक्योरिटीज के नोट के मुताबिक, ‘ लिस्टेड कंपनियों के प्रॉफिट और GDP का अनुपात बढ़ने की अहम वजह यह है कि कोविड से सबसे ज्यादा चोट अनऑर्गनाइज्ड सेक्टर पर पड़ी है। इसमें सबसे ज्यादा नुकसान लीजर, ट्रैवल और रिटेल सेक्टर की कंपनियों को हुआ है, जिनका वजन निफ्टी इंडेक्स में बहुत कम है।’

आने वाले समय में लिस्टेड कंपनियों की प्रॉफिट ग्रोथ नॉमिनल जीडीपी ग्रोथ से ज्यादा रहेगी

ब्रोकरेज फर्म का कहना है कि आने वाले समय में लिस्टेड कंपनियों की प्रॉफिट ग्रोथ नॉमिनल जीडीपी ग्रोथ से ज्यादा रहेगी। इसके चलते वित्त वर्ष 2023 में भी लिस्टेड कंपनियों के प्रॉफिट और जीडीपी के अनुपात में इजाफा होगा। कोविड की दूसरी लहर के बीच भी निफ्टी कंपनियों के प्रॉफिट में ठोस बढ़ोतरी हो सकती है। इनका ईपीएस 730 रुपए रहने का अनुमान है, जो एनएसई के निफ्टी इंडेक्स की टॉप 50 कंपनियों का मुनाफा मजबूत रहने का संकेत है। यह हाल तब है जबकि कई संस्थानों ने FY22 के GDP अनुमान में कमी की है।

2008 में लिस्टेड कंपनियों के मुनाफे और जीडीपी का अनुपात सबसे ज्यादा, 7.8% रहा था

बाजार के अनुमान के मुताबिक, कुछ कम, तो कुछ ज्यादा मुनाफे के साथ कंपनियों की चौथी तिमाही के नतीजे संतुलित रहे हैं। ग्लोबल मेल्टडाउन से पहले वित्त वर्ष 2008 में लिस्टेड कंपनियों के मुनाफे और जीडीपी का अनुपात सबसे ज्यादा, 7.8% रहा था। लेकिन उसमें तब से लगातार कमी आ रही है। पिछले पांच साल से कंपनियों के मुनाफे में कमोबेश स्थिर दर से बढ़ोतरी हुई है। ग्लोबल लेवल पर लिस्टेड कंपनियों की प्रॉफिट और जीडीपी का अनुपात 4.7% है, जबकि इंडिया में यह 4.4% है।

टॉप 19 कंपनियों का तिमाही मुनाफा अनुमान से ज्यादा, 21 का मुनाफा उम्मीद से कम

अगर लिस्टेड कंपनियों के वित्तीय प्रदर्शन की बात है, तो टॉप 100 कंपनियों में से 19 कंपनियों का मार्च तिमाही का प्रॉफिट बाजार के अनुमान से ज्यादा, जबकि 21 कंपनियों का मुनाफा उम्मीद से कम रहा है। ब्रोकरेज फर्म के मुताबिक, टॉप लिस्टेड कंपनियों में से साइकलिकल नेचर के कारोबार वाली कंपनियों का प्रॉफिट ज्यादा रहा है।

खबरें और भी हैं…

Stay connected with us on social media platform for instant update click here to join our  Twitter, & Facebook

We are now on Telegram. Click here to join our channel (@TechiUpdate) and stay updated with the latest Technology headlines.

For all the latest Education News Click Here 

 For the latest news and updates, follow us on Google News

Read original article here

Denial of responsibility! TechiLive.in is an automatic aggregator around the global media. All the content are available free on Internet. We have just arranged it in one platform for educational purpose only. In each content, the hyperlink to the primary source is specified. All trademarks belong to their rightful owners, all materials to their authors. If you are the owner of the content and do not want us to publish your materials on our website, please contact us by email – admin@techilive.in. The content will be deleted within 24 hours.
Exit mobile version