सबसे बड़े IPO की 9 मुख्य बातें: पेटीएम पर रिजर्व बैंक, सेबी, इरडाई की जांच भी हुई है, 25 क्रिमिनल और 40 टैक्स के मामले हैं

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मुंबई21 घंटे पहले

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  • दिवाली तक पेटीएम ला सकती है आईपीओ
  • रिटेल निवेशकों को केवल 10% हिस्सा मिलेगा

देश का सबसे बड़ा IPO आने की तैयारी में है। पेटीएम ने इसके लिए सेबी के पास शुक्रवार को मसौदा जमा करा दिया। कंपनी 16,600 करोड़ रुपए जुटाएगी। इससे पहले 15,200 करोड़ कोल इंडिया ने 2010 में जुटाया था। पेटीएम के IPO में निवेश के बारे में हम बता रहे हैं कंपनी कैसी है और क्या-क्या और आरोप इस पर हैं।

लंबे समय तक टैग का टिके रहना मुश्किल

हालांकि सबसे बड़े IPO का टैग बहुत लंबे समय तक नहीं रहने वाला है। इसी साल में देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी एलआईसी IPO लेकर आ रही है, जो अब तक का रिकॉर्ड होगा। यानी एलआईसी 90 हजार करोड़ रुपए जुटाने वाली है। जो सालों साल तोड़ना मुश्किल होगा।

सेबी के पास जमा कराया मसौदा

सेबी के पास जो मसौदा जमा कराया गया है, उसमें यह तमाम जानकारियां दी गई हैं। इसके मुताबिक, कंपनी 8,300 करोड़ नए शेयरों से जुटाएगी। बाकी 8,300 करोड़ ऑफर फॉर सेल के तहत शेयरों को बेचेगी। इसमें चीन की एंट ग्रुप अपने शेयरों को बेचेगी। एंट ग्रुप के पास कंपनी की 30% हिस्सेदारी है। IPO से पहले कंपनी 2 हजार करोड़ रुपए जुटाने की योजना बना रही है।

कंपनी का IPO कब खुलेगा और क्या कीमत होगी

कंपनी का IPO सेबी की मंजूरी मिलने के बाद खुलेगा और उसी समय इसकी कीमत तय होगी। दिवाली के समय इसके आने की उम्मीद है।

कंपनी का वैल्यूएशन क्या होगा

कंपनी का वैल्यूएशन IPO के बाद अनुमानित तौर पर 1.80 लाख करोड़ से 2.20 लाख करोड़ रुपए के बीच होगा। फिलहाल इसका वैल्यूएशन 1.18 लाख करोड़ रुपए के करीब है। यह दूसरा सबसे ज्यादा वैल्यूएशन वाला भारतीय स्टार्टअप है।

कंपनी का कारोबार

कंपनी लगातार घाटे वाली रही है। इसने मसौदे में कहा है कि यह गारंटी नहीं दे सकती है कि आगे फायदा कमाएगी। यानी आगे भी यह घाटा दे सकती है। पिछले तीन सालों से इसका शुद्ध घाटा रहा है। वित्त वर्ष 2020 में 2,943 और 2021 में 1,704 करोड़ का घाटा रहा है।

रिटेल निवेशकों के लिए कितना हिस्सा होगा

इस IPO में रिटेल के लिए केवल 10% हिस्सा होगा। क्वालीफाइड इंस्टीट्यूशनल बॉयर्स (QIB) के लिए 75% और हाई नेटवर्थ इंडिविजुअल (एचएनआई) के लिए 15% हिस्सा होगा। क्यूआईबी में से 60% हिस्सा एंकर निवेशकों के लिए हो सकता है।

विदेशी कंपनी के रूप में काम करती है पेटीएम

इसने कहा है कि फिलहाल इसका कंट्रोल विदेशी कंपनी के हाथ में है। यह लगातार आगे भी उन्हीं के हाथ में रहेगी। क्योंकि एफडीआई के नियमों के तहत ऐसा है।

टाटा और बफेट भी बेचेंगे हिस्सेदारी

रतन टाटा के पास पेटीएम के 75 हजार शेयर हैं। यह शेयर उन्होंने आरएनटी एसोसिएट्स के जरिए लिया है। इसमें से कुछ हिस्सेदारी वे बेचेंगे। वॉरेन बफेट के पास भी 1.7 करोड़ शेयर हैं। वे भी इसके जरिए अपने शेयर बेचेंगे। यह शेयर वे हैथवे होल्डिंग के जरिए लिए हैं।

किसकी कितनी हिस्सेदारी है

कंपनी में एंट ग्रुप की 30.33%, जापान के सॉफ्ट बैंक की 18.73%, एलवेशन कैपिटल की 17.65%, अलीबाबा की 7.32%, विजय शेखर शर्मा की 14.97% और अन्य की 11% हिस्सेदारी है।

सेबी का ऑब्जर्वेशन

पेटीएम ने कहा है कि पेटीएम मनी पर ग्राहकों के KYC (अपने ग्राहक को जानिए) डाटा को अपलोड करने और निवेश की सलाह देने के मामले में तमाम उल्लंघन हुए हैं। सेबी ने ऐसा ऑब्जर्वेशन किया है। सेबी ने कंपनी को लिखित चेतावनी दी है। सेबी ने एडवाइजरी बिजनेस को लेकर नई गाइडलाइंस जारी की थी जिसके बाद मार्च 2021 में इसका एडवाइजरी बिजनेस भी सस्पेंड कर दिया गया।

रिजर्व बैंक की कार्रवाई

रिजर्व बैंक ने फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट (फेमा) के तहत सवाल उठाया है। यह प्रोसेस अभी भी जारी है। रिजर्व बैंक ने फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) के तहत नियम इसी साल जून में जारी किया। यह वैश्विक स्तर पर मनी लांड्रिंग और आतंकी फंडिंग के लिए उपयोग होता है। इसलिए भविष्य में न्यू अंब्रेला एंटिटी (NUE) के जरिए निवेश को लेकर इसका रोड ब्लॉक हो सकता है।

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