36.50 लाख करोड़ का निवेश: अमेरिकी कंपनी ने प्रधानमंत्री को लिखा पत्र, लेकिन कंपनी की विश्वसनीयता साबित नहीं, केवल 19 कर्मचारी हैं
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मुंबई10 मिनट पहले
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लैंडोमस ने भी अपनी वेबसाइट पर यह घोषणा की है। वेबसाइट के अनुसार कंपनी के निदेशकों में ममता एचएन, यशस प्रदीप कुमार, रक्षित गंगाधर, गुनाश्री प्रदीप कुमार शामिल हैं। पामेला केओफ, प्रवीण ऑस्कर शिरी, प्रवीण मुरलीधर, एवीवी भास्कर, नवीन सज्जन को लैंडोमस के सलाहकार के रूप में लिस्ट किया गया है
- कंपनी का भारत में पता कर्नाटक है और काम अमेरिका में करती है
- सरकार ने वित्त वर्ष 20-25 के दौरान कुल 111 लाख करोड़ रुपए के निवेश का अनुमान लगाया है
सोमवार को एक अमेरिकी फर्म ने भारत में 500 अरब डॉलर यानी करीबन 36.55 लाख करोड़ रुपए के निवेश करने की इच्छा जताई। अजब यह है कि इस कंपनी ने इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अखबारों में एक खुला पत्र लिखा। जबकि कंपनी की हकीकत यह है कि इसकी न तो वेबसाइट है, न ही उस तरह की कोई हैसियत है।
लैंडोमस रियल्टी ने लिखा पत्र
अमेरिकी फर्म लैंडोमस रियल्टी ने सोमवार को एक अखबार के विज्ञापन में कहा कि वह यह निवेश भारत के इंफ्रास्ट्रक्चर फर्म लैंडोमस रियल्टी वेंचर्स इंक के जरिए करेगी। लैंडोमस ग्रुप के अध्यक्ष प्रदीप कुमार सत्यप्रकाश ने विज्ञापन जारी कर कहा कि यह निवेश ‘इन्वेस्ट इंडिया’ पहल के तहत 2 लाख करोड़ डॉलर के निवेश के पहले चरण के रूप में नेशनल इंफ्रास्ट्रक्चर पाइपलाइन (NIP) और गैर नेशनल इंफ्रास्ट्रक्चर पाइपलाइन (Non- NIP) में इंडिया इन्वेस्टमेंट ग्रिड के तहत होगा। इसे भारत सरकार द्वारा लिस्ट किया जाएगा।
19 कर्मचारी हैं, एक पेज की वेबसाइट है
इस फर्म में सिर्फ 19 कर्मचारी हैं और एक पेज की वेबसाइट है। इनके बारे में किसी को भी कुछ पता नहीं है। जूम इन्फो के अनुसार कंपनी के पास 19 कर्मचारी हैं और 365 करोड़ रुपए का रेवेन्यू है। हालांकि जांच पड़ताल करने पर पता चला है कि कंपनी की वेबसाइट यूनाइटेड लैंड बैंक द्वारा 2015 में रजिस्टर्ड की गई थी। इसका मुख्यालय कर्नाटक के सिवन चेट्टी गार्डन में है।
अमेरिका में वेबसाइट का पता है
वेबसाइट ने लैंडोमस रियल्टी वेंचर्स इंक का पता सेक्यूकस, न्यू जर्सी, अमेरिका के रूप में दिया है। कंपनियों का डाटाबेस उपलब्ध करने वाले जूम इन्फो ने कहा कि लैंडोमस रियल्टी वेंचर्स इंक का गठन जमीन खरीदने और भारत में लैंड बैंक बनाने के उद्देश्य से किया गया था। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने दिसंबर 2019 में NIP की घोषणा की थी। इसके तहत सरकार ने वित्त वर्ष 20-25 के दौरान कुल 111 लाख करोड़ रुपए के बुनियादी ढांचे के निवेश का अनुमान लगाया है।
7,400 प्रोजेक्ट तक बढ़ाई गई योजना
केंद्रीय बजट 2021 के दौरान NIP के तहत परियोजनाओं की संख्या को 6,835 से बढ़ाकर 7,400 प्रोजेक्ट्स तक किया गया था। लैंडोमस का उद्देश्य निवेशकों और डेवलपर्स के साथ NIP और non-NIP प्रोजेक्ट्स को पूरा करने में मदद करना है। कंपनी ने एनर्जी, सोशल इंफ्रास्ट्रक्चर, मैन्युफैक्चरिंग, ट्रांसपोर्ट, फ़ूड प्रोसेसिंग और कृषि, जल और स्वच्छता आदि जैसे क्षेत्रों में प्रोजेक्ट्स को सपोर्ट करने का इरादा व्यक्त किया है।
वेबसाइट पर भी की है घोषणा
लैंडोमस ने भी अपनी वेबसाइट पर यह घोषणा की है। वेबसाइट के अनुसार कंपनी के निदेशकों में ममता एचएन, यशस प्रदीप कुमार, रक्षित गंगाधर, गुनाश्री प्रदीप कुमार शामिल हैं। पामेला केओफ, प्रवीण ऑस्कर शिरी, प्रवीण मुरलीधर, एवीवी भास्कर, नवीन सज्जन को लैंडोमस के सलाहकार के रूप में लिस्ट किया गया है। देश के इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाने के लिए निर्मला सीतारमण ने बजट में इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण और राष्ट्रीय बुनियादी ढांचा के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए परिसंपत्तियों को बेचने पर जोर दिया है। अगले वित्त वर्ष में पैसे के निवेश को 5.54 लाख करोड़ रुपए तक बढ़ाने का प्रस्ताव किया है।
दिसंबर 2019 में शुरू हुई थी योजना
सीतारमण ने कहा कि 6,835 प्रोजेक्ट्स के साथ दिसंबर 2019 में शुरू की गई NIP को अब 7,400 प्रोजेक्ट्स में विस्तारित किया गया है और कुछ प्रमुख इंफ्रास्ट्रक्चर मंत्रालयों के तहत 1.10 लाख करोड़ रुपये की लगभग 217 प्रोजेक्ट्स पूरे कर लिए गए हैं। जानकारी के मुताबिक, इस कंपनी की एजीएम यानी सालाना मीटिंग 30 सितंबर 2018 को अंतिम बार हुई है। यह बंगलुरू के रजिस्ट्रार ऑप कंपनीज में रजिस्टर्ड है।
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