GST कलेक्शन में बड़ी गिरावट: मई में GST से सरकार के खजाने में 1.02 लाख करोड़ रुपए आए, अप्रैल में यह 1.41 लाख करोड़ रुपए था
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- GST Collection In May Stood At Rs 1.02 Lakh Crore, In April Was Rs 1.41 Lakh Crore, Goods And Service Tax
मुंबई27 मिनट पहले
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- अप्रैल की तुलना में GST कलेक्शन में 39 हजार करोड़ रुपए की कमी आई है
मई महीने में सरकार को वस्तु एवं सेवा कर (GST) कलेक्शन 1.02 लाख करोड़ रुपए रहा है। अप्रैल महीने में यह 1.41 लाख करोड़ रुपए था। जब से GST लागू हुआ है, यानी जुलाई 2017 से, तब से अप्रैल का कलेक्शन सबसे ज्यादा रहा है। लगातार 8 वे महीने इसका कलेक्शन 1 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा रहा है।
वित्त मंत्रालय ने जारी किया आंकड़ा
वित्त मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, ग्रॉस GST रेवेन्यू कलेक्शन मई में 1,02,709 करोड़ रुपए रहा है। इसमें केंद्र सरकार का हिस्सा यानी CGST 17,592 करोड़ रुपए जबकि राज्यों का हिस्सा यानी SGST 22,653 करोड़ रुपए रहा है। IGST 53,199 करोड़ रुपए रहा है। सेस के रूप में 9,265 करोड़ रुपए मिला है। इसमें 868 करोड़ रुपए सामानों के आयात से मिला है।
इस बार मई के GST कलेक्शन में 4 जून तक को शामिल किया गया है। ऐसा इसलिए क्योंकि टैक्स देने वालों को राहत दी गई थी और साथ ही मई के लिए 15 दिन की रिटर्न फाइलिंग की समय सीमा बढ़ा दी गई थी।
पिछले साल के मुकाबले 65% ज्यादा कलेक्शन
मई 2020 से तुलना करें तो इस साल मई का कलेक्शन 65% ज्यादा है। मंत्रालय ने बताया कि मई महीने में 15,014 करोड़ रुपए CGST के तहत और 11,653 करोड़ रुपए SGST के तहत सेटल किया गया। मंत्रालय का अनुमान है कि मई महीने का कलेक्शन और ज्यादा हो सकता है, क्योंकि 5 करोड़ रुपए से कम कारोबार वाले टैक्स भरने वालों को 1 जुलाई तक का समय दिया गया है। इसके लिए कोई ब्याज नहीं लगेगा। 5 करोड़ से ऊपर वालों को 4 जून तक टैक्स भरना था।
लॉकडाउन से गिरा कलेक्शन
देश में कोरोना की दूसरी लहर इस समय कई राज्यों में तेजी पर है। खासकर उन राज्यों में जहां से GST कलेक्शन ज्यादा आता है। इनमें महाराष्ट्र, गुजरात, पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु शामिल हैं। इन मुश्किलों के बावजूद GST कलेक्शन से यह पता चल रहा है कि देश में बिजनेस की गतिविधियां तेजी पर है। इनकम टैक्स रिटर्न में भी इसी तरह की तेजी पिछले वित्त वर्ष में दिखी थी।
आप भी भरते हैं GST
किसी भी तरह से आप कोई भी लेन-देन करेंगे आपको GST का पेमेंट करना होगा। इसी तरह से अगर आप बिजनेस करते हैं तो आप ग्राहक को बिल में GST जोड़ कर देते हैं और इसके साथ ही ग्राहक आपको पैसे देता है। फिर उसमें से जो GST का हिस्सा है वह आपको अगले महीने की 20 तारीख तक जमा कराना होता है। देश में GST के अलग-अलग टैक्स स्लैब हैं।
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