ICC टूर्नामेंट की बेस्ट मॉडर्न टीम है न्यूजीलैंड: पिछले 6 साल में चौथा फाइनल खेलेगी कीवी टीम, क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट में जमाया सिक्का
नई दिल्ली2 मिनट पहलेलेखक: भास्कर खेल डेस्क
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टी-20 वर्ल्ड कप के फाइनल में न्यूजीलैंड का सामना ऑस्ट्रेलिया से हो रहा है। अगर एक दशक पहले इन दो टीमों से बीच ऐसा कोई मैच हो रहा होता और आपसे पूछा जाता कि जीत की दावेदार कौन है तो जवाब निश्चित रूप से ऑस्ट्रेलिया ही होता। लेकिन, अब इस सवाल का जवाब इतना सीधा नहीं है। अब न्यूजीलैंड की दावेदारी खारिज नहीं की जा सकती है। क्योंकि, न्यूजीलैंड ने पिछले 6 साल में लगातार अच्छे प्रदर्शन की बदौलत खुद को मॉडर्न एरा की बेस्ट टीम साबित किया है। खासकर ICC टूर्नामेंट में। चलिए जानते हैं कैसे…
तीनों फॉर्मेट के फाइनल में पहुंची
साल 2015 न्यूजीलैंड क्रिकेट के लिए टर्निंग पॉइंट साबित हुआ है। टीम इससे पहले भी अच्छा खेल दिखाती थी लेकिन इतनी कंसिसटेंट नहीं बनी थी। 2015 में ब्रैंडन मैकुलम की कप्तानी में कीवी टीम वनडे वर्ल्ड कप के फाइनल में पहुंची। इसके बाद से न्यूजीलैंड ने सभी ICC टूर्नामेंट के अंतिम-4 में एंट्री जरूर की है। इस दौरान टीम दो बार वनडे वर्ल्ड कप और एक-एक बार टेस्ट और टी-20 वर्ल्ड कप के फाइनल में पहुंची है। टेस्ट में तो वह वर्ल्ड चैंपियन भी बनी।
कमजोरी को ही बना ली ताकत, ज्यादा खिलाड़ी थे नहीं तो बदलाव कम किए
छोटी आबादी (महज 50 लाख) और ह्यूमन रिसोर्स की कमी न्यूजीलैंड क्रिकेट की सबसे बड़ी कमजोरी मानी जाती है। इस कारण न्यूजीलैंड में भारत, पाकिस्तान या इंग्लैंड की तरह बड़ा टैलेंट पूल नहीं बन पाता। लेकिन, पिछले 6 साल में न्यूजीलैंड ने इस कमजोरी को ताकत में तब्दील कर दिया है।
साल 2015 से क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट मिलाकर भारत ने 82 तो पाकिस्तान ने 87 खिलाड़ियों को आजमाया। वहीं, न्यूजीलैंड ने इस दौरान सिर्फ 58 खिलाड़ी ही इंटरनेशनल क्रिकेट में उतारे। न्यूजीलैंड ने अपने सितारों को फेल होने के बावजूद लगातार मौके दिए। उसे पता था कि तब्दीली के लिए विकल्प नहीं हैं। इसलिए जो खेल रहा है उसे ही मौके दो और बेहतर बनाओ। इसका नतीजा इतना अच्छा रहा कि टीम अब लगभग फेल प्रूफ बन गई है।
केन की बेमिसाल कप्तानी का फायदा
पिछले 6 साल में अगर न्यूजीलैंड सबसे कंसिस्टेंट टीम तो इसके पीछे सबसे बड़ा रोल कप्तान केन विलियम्सन का रहा है। विलियम्सन को कभी दुनिया का बेस्ट कप्तान नहीं कहा गया, लेकिन उनकी टीम ने बेस्ट की हो़ड़ में शामिल विराट कोहली की टीम इंडिया और ओएन मोर्गन की इंग्लैंड को हरा दिया। विराट की टीम को तो न्यूजीलैंड ने अब वनडे, टेस्ट और टी-20 तीनों फॉर्मेट के वर्ल्ड कप में हरा दिया। मोर्गन से वनडे वर्ल्ड कप फाइनल में अजीबो-गरीब नियम के कारण केन को हार मिली थी। लेकिन, उन्होंने इसका हिसाब टी-20 में चुकता कर दिया।
केन विलियम्सन ने साबित कर दिया कि शानदार काम करने के लिए शोर मचाने की जरूरत नहीं है। उन्होंने बिना तामझाम के अपनी लीडरशिप में न्यूजीलैंड को साधारण लोगों से बनी असाधारण टीम में तब्दील कर दिया।
ये आपको हराकर भी आपका दिल जीत लेती है
ग्राउंड और ग्राउंड के बाहर अपने कंडक्ट के लिए न्यूजीलैंड की टीम और वहां के खिलाड़ी दुनियाभर में लोकप्रिय हैं। क्रिकेट की दुनिया में यहां के खिलाड़ी गुड बॉयज कहे जाते हैं। न्यूजीलैंड ने यह साबित किया गुड बॉयज हमेशा लूजर नहीं होते हैं। वे सबसे बड़े विनर होते हैं। वे आपको हराएंगे और आपका दिल भी जीत लेंगे। उनसे हारकर आपको हार का अफसोस कम होता है।
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